RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवी बार ब्याज दरों में इजाफा किया. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि Repo Rate में 0.35 फीसदी का इजाफा किया गया है, जिसका सीधा असर आपको अपनी जेब पर दिखने वाला है. ब्याज दरों के बढ़ने से EMI महंगी होगी और पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों के निवेश का गणित बिगड़ जाएगा. आइए हमारे एक्सपर्ट वाइजइन्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हेमंत रुस्तगी और आनंद राठी ब्रोकर के फिक्स्ड इनकम हेड मानवी प्रभु से समझते हैं कि बिगड़े बजट को सुधारने का क्या तरीका है, डेट में कहां निवेश के मौके हैं और इक्विटी में क्या रखें स्ट्रैटेजी? 

फिर बढ़ीं ब्याज दरें

  • RBI ने 0.35% ब्याज दरें बढ़ाई
  • रेपो रेट बढ़कर 6.25% हुई
  • लगातार पांचवी बार ब्याज दरों में बढ़त
  • मई से अबतक 2.25% की बढ़ोतरी

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आप पर असर?

  • सभी प्रकार के लोन महंगे होंगे
  • रेपो रेट लिंक्ड लोन रेट बढ़ेंगे
  • होम लोन, कार लोन पर बढ़ेगी EMI
  • होम लोन की अवधि या EMI बढ़ेगी
  • EMI बढ़ने पर मौजूदा बचत कम होगी
  • फ्लोटिंग रेट में ब्याज दरों का सीधा असर
  • फिक्स्ड रेट में दरों में बदलाव का असर नहीं पड़ता

25 लाख रुपये का होम लोन

लोन अवधि               15 साल  

मौजूदा दर                 8.50%

EMI                         ₹24618                

नई दर                      8.85%

नई EMI                    ₹25134

कुल बढ़त                     `516

5 लाख रुपये का पर्सनल लोन

लोन अवधि                 3 साल

मौजूदा दर                 12%

EMI                         ₹16607

नई दर                      12.35%

नई EMI                    ₹16691

कुल बढ़त                   `84

5 लाख रुपये का कार लोन

लोन अवधि                 5 साल

मौजूदा दर                 10%

EMI                         ₹10624

नई दर                      10.35%

नई EMI                    ₹10710

कुल बढ़त                   `86

ब्याज का बोझ कैसे कम करें?

  • फ्लोटिंग रेट ऑप्शन चुन सकते हैं
  • EMI को बढ़ाकर,अवधि कम कर सकते हैं
  • अवधि बढ़ाकर, EMI का बोझ घटा सकते हैं
  • लोन रकम की प्री-पेमेंट कर सकते हैं
  • एकमुश्त रकम मिलने पर लोन चुका सकते हैं

प्री-पेमेंट कैसे करें?

  • बीच-बीच में एकमुश्त प्री-पेमेंट कर सकते हैं
  • हर महीने सिस्टमैटिक पार्ट पेमेंट भी कर सकते हैं
  • खर्च से अतिरिक्त राशि बचे,तो प्री-पेमेंट कर सकते हैं
  • बोनस का इस्तेमाल,लोन प्री-पेमेंट में कर सकते हैं
  • फ्लोटिंग रेट या फिक्स्ड रेट पर लोन,ये ध्यान रखें

डेट में स्ट्रैटेजी

  • डेट फंड पर बढ़ती दरों का नेगेटिव असर
  • लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश से बचें
  • लिक्विड,अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में निवेश करें
  • मीडियम ड्यूरेशन,डायनमिक बॉन्ड फंड सही
  • बैंकिंग एंड PSU फंड में निवेश करें
  • 3 साल से कम निवेश-FD,अल्ट्रा शॉर्ट टर्म डेट फंड सही
  • 3 साल से ऊपर निवेश- शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड सही

डेट का प्रदर्शन

स्कीम                                                   रिटर्न(1साल)

FD                                                     3%-6%

शॉर्ट ड्यूरेशन फंड                                 3.89%

अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन                               4.07%

बैंकिंग एंड PSU                                   3.06%

डायनमिक बॉन्ड फंड                              2.76%

सरकारी बॉन्ड

  • G-SEC केंद्र या राज्य सरकारें जारी करती हैं
  • इनकी अवधि 5 से लेकर 30 साल तक होती हैं
  • सरकारी सेक्योरिटीज में डिफॉल्ट का खतरा नहीं
  • मेच्योरिटी से पहले बेचना संभव नहीं
  • ऊंची ब्याज दरों में खरीद फायदेमंद
  • लंबी अवधि और मेच्योरिटी तक निवेश का फायदा

इक्विटी फंड पर असर

  • बाजार में उतार-चढ़ाव जारी
  • बढ़ती दरों का बाजार पर असर
  • कोई भी असर सिर्फ छोटे समय के लिए
  • इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश से फायदा
  • म्यूचुअल फंड में SIP, महंगाई को मात देने में कारगर