मृत व्यक्ति के PPF अकाउंट का क्या होता है? किसे मिलता है पैसा? कैसे किया जाता है क्लेम? जानिए क्या है नियम
Public Provident Fund account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को एक बेहतरीन सेविंग इंस्ट्रूमेंट माना जाता है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से इसमें बड़ा फंड तैयार करने की मदद मिलती है.
Public Provident Fund account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को एक बेहतरीन सेविंग इंस्ट्रूमेंट माना जाता है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से इसमें बड़ा फंड तैयार करने की मदद मिलती है. अच्छे ब्याज के साथ PPF इन्वेस्मेंट, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री हैं. PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. अभी 7.1% की दर से ब्याज मिल रहा है. लेकिन, PPF अकाउंट से विड्रॉल के नियम अलग हैं. अगर किसी निवेशक को खाता बंद करना हो तो उसके लिए अलग नियम हैं. लेकिन, अगर किसी अकाउंट होल्डर की मैच्योरिटी से पहले मृत्यु हो जाए तो PPF अकाउंट का क्या होता है? ये जानना जरूरी है.
Public Provident Fund: अकाउंट होल्डर की मृत्यु पर क्या होगा?
अगर PPF अकाउंट की मैच्योरिटी से पहले अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो उसका नॉमिनी पैसा निकाल सकता है. ऐसी स्थिति में अकाउंट को 5 साल पूरे होने की शर्त भी खारिज हो जाती है. अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद उसके पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) अकाउंट को बंद कर दिया जाता है. नॉमिनी या फिर कानूनी रूप से उत्तराधिकारी को पैसा दे दिया जाता है. लेकिन, उसी खाते को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी जाती है.
Public Provident Fund: कब बंद हो सकता है अकाउंट?
PPF अकाउंट होल्डर अपने, पति या पत्नी और बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने जैसी स्थिति में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकता है. वहीं, खुद की पढ़ाई या बच्चों की उच्च शिक्षा के मामले में भी PPF अकाउंट से मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाला जा सकता है. अकाउंटहोल्डर के NRI बनने की स्थिति में PPF खाते को मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है. PPF अकाउंट को ओपनिंग डेट से ठीक 5 साल पूरे होने के बाद बंद कराया जा सकता है. हालांकि, इस दौरान खाता खुलने की तारीख से 1% ब्याज की कटौती की जाएगी.
मिलता है कम्पाउंडिंग ब्याज का फायदा
PPF अकाउंट को कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है. इसके लिए उसे प्रूफ लगाना होगा. अकाउंट को नाबालिग के नाम पर भी खोला जा सकता है. PPF पर ब्याज दर सरकार तय करती है और सरकारी स्कीम होने की वजह से सरकारी गारंटी भी मिलती है. ब्याज में बदलाव तिमाही आधार पर किया जाता है. फिलहाल, PPF पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. हालांकि, ब्याज की गणना सालाना की जाती है. PPF में 500 रुपए के निवेश से शुरुआत की जा सकती है और एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए डालने की छूट है.
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