EPF, PPF और GPF में क्या होता है अंतर? कितना मिलता है ब्याज, यहां जानिए सबकुछ
प्रोविडेंट फंड तीन तरह के होते हैं. पहला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF). हर महीने तय रकम इन खातों में जमा होती है.
प्रोविडेंट फंड एक रिटायरमेंट प्लानिंग है. सरकारी कर्मचारियों से लेकर संगठित क्षेत्र के प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अलग-अलग प्रोविडेंट फंड होते हैं. लंबे समय के निवेश के लिए यह सबसे बेहतरीन इंस्ट्रूमेंट्स हैं. प्रोविडेंट फंड तीन तरह के होते हैं. पहला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंड फंड (GPF). हर महीने तय रकम इन खातों में जमा होती है. आइए जानते हैं कि तीनों प्रोविडेंट फंड में क्या अंतर होता है और EPF, PPF और GPF स्कीम में किस पर कितना ब्याज मिल रहा है.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में उन कंपनियों को शामिल किया जाता है, जहां 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. मतलब, EPF नौकरीपेशा लोगों के लिए खोला जाता है. इसमें प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी शामिल हैं. खाते का रेगुलेशन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है. हर कर्मचारी (Employee) का अपना एक प्रोविडेंट फंड खाता होता है. इसमें आपकी सैलरी से एक निश्चित हिस्सा कटता है. साथ ही नियोक्ता (Employer) की तरफ से भी इस खाते में बराबर हिस्सा डाला जाता है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.50 फीसदी तय की गई है. हालांकि, इसे अभी तक नोटिफाई नहीं किया गया है. पिछले वित्त वर्ष तक EPF पर 8.65 फीसदी ब्याज मिलता था. EPF पर ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है. श्रम मंत्रालय की तरफ से इसे नोटिफाई किया जाता है.
सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
PPF सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम है. यह स्कीम आम पब्लिक के लिए है. इसमें खाता खुलवाकर कोई भी पैसा जमा कर सकता है. यह एक तरह का सेविंग फंड है. PPF खाता आप किसी भी डाकघर या बैंकों में खुलवा सकते हैं. PPF खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करवाने होते हैं. इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है. अप्रैल से जून तिमाही 2020-21 के लिए इस पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा. PPF पर ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है.
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जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF)
जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) अकाउंट सरकारी कर्मचारियों के लिए है. GPF सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. यह एक तरह की रिटायरमेंट प्लानिंग है. क्योंकि, इसकी रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलती है. सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक GPF खाते में योगदान कर सकते हैं. इस खाते का 'एडवांस' फीचर सबसे खास है. इसमें कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF खाते से तय रकम निकाल सकता है और बाद में उसे जमा कर सकता है. इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता. सरकार ने GPF की ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 जून 2020 की तिमाही के लिए 7.1 प्रतिश कर दिया गया है. इस स्कीम में भी तिमाही आधार पर ब्याज तय होता है.