12 की जगह 10 फीसदी कटेगा PF, कर्मचारियों के खाते में आएगी ज्यादा सैलरी
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को सैलरी में इजाफा होगा. उनकी सैलरी 2 फीसदी बढ़कर मिलेगी.
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए जो 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है, उससे उद्योग जगत को तो बड़ा फायदा मिलेगा ही, साथ ही कर्मचारियों पर भी इसका सीधा-सीधा असर देखने को मिलेगा.
सरकार ने पीएफ अंशदान (epf contribution) में दी जा रही राहत को अगले तीन महीनों के लिए और बढ़ा दिया है. सरकार की इस कोशिश से जहां नियोक्ताओं को तो राहत मिलेगी ही, कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने आज एमएसएमई सेक्टर को 3 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान करते हुए पीएफ अंशदान को बढ़ाने का फैसला किया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के पीएफ को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किए जाने का फैसला अगले 3 महीने तक जारी रहेगा. ये मदद जून, जुलाई और अगस्त महीने तक जारी रहेगी. पहले राहत स्कीम मार्च, अप्रैल और मई महीने तक दी गई थी.
कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा. वहीं सरकार और पीएसयू को 12 फीसदी ही देना होगा.
15,000 से कम वेतन वाले कर्माचरी को फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र सरकार देगी. इसमें कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का योगदान सरकार दे रही है.
सरकार के इस फैसले से 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. इस राहत से सरकार का करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च होगा.
इन कंपनियों को होगा फायदा
सरकार के इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और उनमें से 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. ध्यान रखें कि 15 हजार से ज्यादा सैलरी पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.
इसके अलावा सरकार ने अन्य कंपनियों के लिए पीएफ की सीमा 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी है. यह लिमिट भी अगले 3 महीने तक जारी रहेगी.
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यहां कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के हिस्से से पीएफ में 10-10 फीसदी का योगदान किया जाएगा. हालांकि सरकारी कंपनियों पर यह फैसला लागू नहीं होगा.
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को सैलरी में इजाफा होगा. उनकी सैलरी 2 फीसदी बढ़कर मिलेगी. उधर, कंपनियों का भी बोझ हल्का होगा. इस फैसले का असर 6.5 लाख कंपनियों और 4.3 करोड़ कर्मचारियों पर पड़ेगा.
कर्मचारियों और नियोक्ता हाथों में अलग से रकम आएगी और बाजार में नकदी भी बढे़गी.