PPF: फ्यूचर के लिए सुरक्षित निवेश के तौर पर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) निवेशकों की सबसे पसंदीदा स्कीम में से एक है. यहां सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न के लिहाज से भी यह स्कीम काफी फेमस है. चुंकि कोरोना के बाद लोगों को यह बात काफी समझ गई है कि पर्याप्त इमर्जेंसी फंड रखना जरूरी है. लेकिन इसके साथ यह भी जानना जरूरी है कि निवेश की गई राशि कब और कैसे निकाल सकते हैं. तो सबसे पहले यह जान लें कि पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष है. हालांकि, खाते मैच्योर होने के बाद उसे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.

PPF पार्शल विड्रॉल प्रक्रिया

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PPF निवेशकों को यह बात ध्यान रखना चाहिए कि खाते में जमा आंशिक रकम 7 साल के बाद ही निकाल सकते हैं. यदि आप PPF विड्रॉल के लिए योग्य हैं, तो आप जमा राशि का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं. इसके लिए जरूरी हैं कि आप पूरी प्रक्रिया को जान लें...

स्टेप 1: आप अपने बैंक की वेबसाइट से ऑनलाइन PPF विड्रॉल फॉर्म ( फॉर्म C) डाउनलोड करिए या फिर इसे बैंक के ब्रांच जाकर भी ले सकते हैं. बता दें कि PPF विथड्रॉल फॉर्म के तीन सेक्शन होते हैं. 

  • पहला होता है डिक्लेरेशन सेक्शन, जहां आपको अपना PPF अकाउंट नंबर और वह रकम देनी होगी, जिसे आप निकालना चाहते हैं. साथ ही आपको यह बताना होता है कि अकाउंट कितने सालों से एक्टिव है.
  • कार्यालय-उपयोग सेक्शन:  इसमें आपको खाता खोलने की डेट, मौजूदा बैलेंस, पिछला विड्रॉल (PPF Withdrawal) की तारीख (अगर है तब कि स्थिति में)  खाते से की गई कुल निकासी आदि जानकारी दर्ज करनी होगी.
  • बैंक डीटेल सेक्शन : इस सेक्शन में आपको अपना बैंक अकाउंट नम्बर के साथ-साथ अकाउंट से जुड़ी अन्य जानकारी जिसमें निकाली गई राशि जमा की जानी चाहिए.

स्टेप 2: फॉर्म C के साथ PPF पासबुक की एक कॉपी अटैच करें

स्टेप 3: इसे अपनी संबंधित बैंक ब्रांच में जमा करें

इस प्रक्रिया के बाद आपके अप्लीकेशन पर कार्रवाई की जाएगी. फिर निकासी राशि जल्द से जल्द मंजूर की जाएगी. इस रकम को आप अपने सेविंग अकाउंट जमा कर सकते हैं या इसके लिए डिमांड ड्राफ्ट (DD) प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही आपको फॉर्म पर इसके बारे में बताना होगा (PPF Withdrawal), उस पर एक रेवेन्यू स्टाम्प चिपकाना होगा और उस पर सिग्नेचर करना होगा.

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PPF पर टैक्स छूट

PPF विड्रॉल पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर विड्रॉल (PPF Withdrawal) और मैच्योरिटी से पहले आंशिक विड्रॉल दोनों टैक्स फ्री होता है. इसको EEE (छूट-छूट-छूट) श्रेणी के टैक्स इम्पलीकेशन्स के तहत लिस्ट किया गया है. PPF अकाउंट में साल में 1.5 लाख रुपए तक जमा करने पर इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है. इनवेस्टमेंट की गई मूल राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी रकम टैक्स फ्री हैं. हालांकि, एक वित्त वर्ष में PPF में ज्यादा से ज्यादा योगदान 1.5 लाख रुपए है, पूरी राशि टैक्स-फ्री है बशर्ते कि अकाउंट होल्डर ने धारा 80 सी के तहत कोई अन्य निवेश नहीं किया है.