PPF vs NPS: बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. लेकिन लम्बे समय के लिए खास तौर पर रिटायरमेंट के लिए निवेशक प्रमुख रूप से  पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) या  नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करना पसंद करते हैं. बहुत से निवेशकों (Investors) के मन में हमेशा ये सवाल रहता है कि निवेश के लिए इन दोनों विकल्पों में से कौन सा विकल्प बेहतद है. आइये जानते हैं दोनों विकल्पों के बारे में.  

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जानिए किसमें मिलेगा ज्यादा रिटर्न 

Wealth Management at Transcend Consultants के मैनेजर कार्तिक झावेरी के मुताबिक PPF और NPS में हमेशा ही NPS बेहतर विकल्प है. इसमें दिया जा रहा annuity विकल्प इसे बेहतर बनाता है. इस स्कीम में निवेश से आपके पैसे को बढ़ने का ज्यादा मौका मिलता है.  वहीं PPF पूरी तरह से ही सरकार की ओर से घोषित की जाने वाली ब्याज दरों पर निर्भर करता है.  अगर कोई  NPS में 50:50 विकल्प को चुनता है जिसमें आधा पैसा डेट में और आधा इक्यूटी में लगाया जाता है तो निवेशक को डेट से 8 फीसदी का रिटर्न मिलता है जो कि PPF से मिलने वाले रिटर्न के लगभग बराबर है वहीं इक्विटी में लगे पैसे पर  लम्बे समय में 12 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है.  PPF में फिलहाल निवेश करने पर निवेशक को 7.1 फीसदी का रिटर्न मिल कसता है जबिक NPS में निवेश करने वाले को 10 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है.

आयकर पर मिलती है छूट

PPF और NPS स्कीमों में निवेश से आने वाले रिटर्न पर SEBI के registered tax and investment expert मणिकरण सिंघल का कहना है कि  PPF और NPS दोनों ही स्वैच्छिक निवेश स्कीमें हैं. दोनों ही स्कीमों में आयकर की छूट भी मिलती है. ऐसे में लोग इन योजनाओं में निवेश को लेकर थोड़े भ्रमित रहते हैं. ज्यादातर लोग अपनी PPF स्कीम में निवेश की डेढ़ लाख की लिमिट को पार करने के बाद NPS में निवेश करते हैं. दरअसल PPF स्कीम में डेढ़ लाख तक निवेश पर ही आयकर की धारा 80C के तहत छूट मिलती है. सिंघल के मुताबिक NPS मं आठ फंड मैनेजर हैं निवेशक अपने निवेश के 60 फीसदी हिस्से के लिए annuity विकल्प को चुन सकते हैं. ये विकल्प चुने जाने के बाद निवेशक रिटायरमेंट पर अपने कुल निवेश का 60 फीसदी रिटायरमेंट पर निकाल सकता है.ये पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. जबिक बाकी के 40 फीसदी पैसे के जरिए निवेशक को पेंशन दी जाती है.

 

मिलते हैं दो विकल्प

सिंघल के मुताबिक NPS में निवेश के दो विकल्प हैं पहले विकल्प है एक्टिव मोड, इसके तहत निवेशक हर साल अपने रिटर्न का आंकलन करते इक्विटी और डेट के विकल्पों में बदलाव कर सकता है. वहीं ऑटो मोड का विकल्प चुनने पर निवेशक के पैसे को 8 फंड मैनेजर हैंडल करते हैं और बाजार के अनुसार इक्विटी और डेट में बदलाव करते रहते हैं. NPS में निवेश करने पर  आयकर की धारा 80CCD के तहत छूट मिलती है. नेशनल पेंशन सिस्टम या NPS में आपको voluntary तौर पर निवेशक का मौका मिलता है.  इस पेंशन फंड को Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.  इस निवेश योजना को संसदीय एक्ट के तहत बनाया गया है.