PPF Scheme: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ सरकारी गारंटी वाली स्‍कीम है. इस स्‍कीम में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. PPF लंबी अवधि वाली स्‍कीम है, जिस पर 7.1 फीसदी के हिसाब से मौजूदा समय में ब्‍याज दिया जा रहा है. EEE कैटेगरी वाली ये स्‍कीम लंबे समय में अच्‍छी खासी रकम जोड़ने के साथ तीन तरह से टैक्‍स भी बचाती है. लेकिन अगर किसी व्‍यक्ति ने पीपीएफ में निवेश शुरू किया और 15 साल पूरे होने से पहले उसे पैसों की जरूरत पड़ी, तो क्‍या वो पीपीएफ स्‍कीम से पैसे निकाल सकता है? या फिर अगर व्‍यक्ति पीपीएफ अकाउंट को 15 साल से पहले ही बंद करवाना चा‍हे तो क्‍या ये सुविधा उसे दी जाती है? अगर आप भी पीपीएफ के निवेशक हैं या इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इस नियम की जानकारी जरूर होनी चाहिए.

छठे साल से कर सकते हैं आंशिक निकासी

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15 साल से पहले अगर आपको पीपीएफ से पैसा निकालने की जरूरत पड़ती है तो आप अकाउंट से आंशिक निकासी कर सकते हैं. आंशिक निकासी की सुविधा छठे फाइनेंशियल ईयर से मिल सकती है. जैसे अगर आपने 1 फरवरी, 2020 को अकाउंट खोला गया था, तो फाइनेंशियल वर्ष 2025-26 से आपको विड्रॉल की सुविधा मिल जाएगी. ऐसे में आप 50 फीसदी तक आंशिक निकासी कर सकते हैं.

इन स्थितियों में 15 साल से पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट

अगर आपको पीपीएफ में निवेश करने के बाद बीच में ही अकाउंट को बंद करने की जरूरत लगती है तो इसके लिए आपका अकाउंट कम से कम 5 साल पुराना होना चाहिए. मतलब आपको ये सुविधा 5 साल बाद ही मिल सकती है. अगर आप खाते के Mature होने से पहले Withdraw करते हैं तो ब्याज 1% काटकर पैसा वापस मिलेगा. इसके अलावा प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर भी विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है जैसे- 

1- अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो और आपको अपने या परिवार के सदस्‍य के इलाज के लिए पैसों 

की जरूरत हो तो आप 5 साल बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं या प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर भी करवा सकते हैं.

2- बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 5 सालों के बाद पीपीएफ प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर कराया जा सकता है या आंशिक निकासी की जा सकती है. 

3- अगर आप विदेश शिफ्ट हो रहे हैं तो भी पीपीएफ अकाउंट बंद करवाकर पूरा पैसा निकाल सकते हैं.

4- अकाउंटहोल्‍डर के निधन की स्थिति में मैच्‍योरिटी से पहले खाते को बंद कराया जा सकता है. इस स्थिति में 5 साल का नियम लागू नहीं होता है.

ये है प्री-मैच्‍योर क्‍लोजर का तरीका

पीपीएफ खाते को प्री-मैच्योर क्‍लोज कराने के लिए आपको एक लिखित आवेदन बैंक खाते की होम ब्रांच में जमा करना होता है. इस आवेदन में आपको वजह बतानी होती है कि आप अकाउंट को किस कारण से बंद कर रहे हैं. इस बीच आपको आवेदन के साथ कुछ दस्‍तावेज भी अटैच करने होते हैं. इसमें पीपीएफ पासबुक की एक कॉपी होनी चाहिए. 

साथ ही अगर बीमारी के इलाज के लिए खाता बंद कर रहे हैं तो मेडिकल अथॉरिटी के दिए गए कागजात, उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर रहे हैं, तो फीस की रसीद, किताबों के बिल और एडमिशन को कन्फर्म करने वाले डॉक्युमेंट्स और निधन के मामले में डेथ सर्टिफिकेट लगाना होता है. दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होने के बाद खाता बंद करने का आवेदन स्वीकार किया जाता है. इसके बाद आपका अकाउंट बंद कर दिया जाता है लेकिन पेनल्‍टी अमाउंट काट लिया जाता है.