पैसे कमाने के दौरान ही रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी की प्‍लानिंग करना हर किसी के लिए जरूरी है. रिटायरमेंट के बाद जिंदगी खुशहाल रहे इसके लिए जरूरी है कि जितनी जल्‍दी हो सके उतनी जल्‍दी बचत और निवेश की शुरुआत कर दीजिए. फाइनेंशियल प्‍लानर्स यह सलाह देते हैं कि आप कमाने की शुरुआत के साथ ही अपने वेतन का एक हिस्‍सा आप रिटायरमेंट के लिए इन्‍चेस्‍ट करें. जल्‍द शुरुआत करने से न सिर्फ आपको कम पैसों का निवेश करना होगा बल्कि चक्रवृद्धि का लाभ भी मिलेगा. अब बाद करते हैं कि रिटायरमेंट के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF कितना उचित माध्‍यम है.

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किनके लिए है पीपीएफ का विकल्‍प?

जाने माने टैक्‍स एक्‍सपर्ट और इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर बलवंत जैन कहते हैं कि पीपीएफ का विकल्‍प उन लोगों के लिए जिन्‍हें कर्मचारी भविष्‍य निधि यानी EPF का लाभ नहीं मिलता है. ईपीएफ नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट का फंड जुटाने में मददगार है. पीपीएफ की शुरुआत ही इस बात को ध्‍यान में रखते हुए की गई थी कि जो लोग नौकरीपेशा नहीं हैं, वे अपने रिटायरमेंट के लिए पैसे जुटा सकें. आपको बता दें कि चालू वित्‍त वर्ष के लिए ईपीएफ की ब्‍याज दरें 8.65 फीसदी हैं जबकि पीपीएफ की ब्‍याज दरें फिलहाल 8 फीसदी सालाना हैं. पीपीएफ की ब्‍याज दरें ही तिमाही सरकार द्वारा तय की जाती है.

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पीपीएफ के अलावा और क्‍या हैं विकल्‍प

पीपीएफ डेट में निवेश का एक जरिया है. यहां जोखिम नहीं है लेकिन लंबे समय के लिहाज से देखें तो इक्विटी का रिटर्न सबसे अच्‍छा रहता है. इसलिए, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि आप अपने निवेश को डाइवर्सिफाइ करते हुए चलें. पीपीएफ के अलावा लंबे समय में बेहतर रिटर्न पाने के लिए आपको इक्विटी म्‍युचुअल फंडों में निवेश करना चाहिए. नेशनल पेंशन सिस्‍टम भी एक अच्‍छा विकल्‍प है. इसमें आप अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार फंडों का चयन भी कर सकते हैं.