पब्लिक प्रोविडेंड फंड यानी पीपीएफ (PPF) एक पॉपुलर सरकारी सेविंग स्कीम है. इस पर फिलहाल 7.9 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है. यह इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत एक टैक्स सेविंग स्कीम है. इसमें आप सालाना 1.50 लाख रुपये तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसमें मिनिमम 500 रुपये से इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं. इसकी मेच्योरिटी पीरियड 15 सालों के लिए होती है. लेकिन इससे पैसे की निकासी के कुछ नियम हैं जिनके आधार पर ही आप इससे पैसे निकाल सकते हैं. यहां हम चर्चा करते हैं कि 15 साल के बाद और 15 साल से पहले पीपीएफ से पैसे निकालने की क्या हैं खास शर्तें.

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15 साल बाद की शर्तें

  • PPF स्कीम वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) के हिसाब से साल को फॉलो करती है. इसलिए यदि आपने मार्च 2019 में पीपीएफ अकाउंट खोला है, तो आप पहले से ही दूसरे वर्ष में हैं.
  • 15वें वर्ष के अंत में आप अपने पीपीएफ अकाउंट को बंद करने और अपने सभी पैसे वापस ले सकते हैं. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, आपको इसके लिए फॉर्म C भरना होगा और पोस्ट ऑफिस या बैंक में जमा करना होगा, जहां आपका अकाउंट है.
  • आप पीपीएफ खाते को बंद नहीं कर उसे आगे 5 साल के ब्लॉक के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं. आपको अपने पीपीएफ अकाउंट के एक्सटेंशन के लिए फॉर्म एच भरकर जमा करना होता है.

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15 साल से पहले की शर्तें

  • पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि को सातवें वित्तीय वर्ष से आंशिक रूप से निकालने की अनुमति होती है. आपके पीपीएफ खाते के पहले छह वर्षों में निकासी की अनुमति नहीं है.
  • आप अपने पीपीएफ खाते को खोलने के वर्ष से सातवें वित्तीय वर्ष से वापस ले सकते हैं. हालांकि, एक वर्ष में केवल एक ही निकासी करने की अनुमति है.
  • पीएफ खाते से आप निकासी की राशि चौथे पूर्व वर्ष के अंत में शेष राशि का 50% या तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के अंत में शेष राशि का 50% तक जो भी कम हो, को ही निकाल सकते हैं.
  • अगर आप समय से पहले आंशिक निकासी करते हैं तब भी इसे टैक्स फ्री माना जाता है. आपके द्वारा निकाली गई पूरी राशि टैक्स फ्री होती है.