Power of Compounding समझना है तो इन 3 स्कीम्स में निवेश करें पैसा...जितना इन्वेस्ट करेंगे, उसका डबल-ट्रिपल जोड़ लेंगे
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Power of Compounding के बारे में आपने पढ़ा जरूर होगा. इसे चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest) कहा जाता है. साधारण ब्याज में आपको एक निश्चित समय तक केवल प्रिंसिपल अमाउंट पर ही ब्याज मिलता है. लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंडिंग इंटरेस्ट में आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. ऐसे में आपका पैसा तेजी के बढ़ता है. आजकल ऐसी तमाम स्कीम्स हैं जिसमें कंपाउंडिंग इंटरेस्ट दिया जाता है.
लेकिन अगर आप Power of Compounding को समझना चाहते हैं, तो उन स्कीम्स में निवेश करें जिसमें आपका कॉन्ट्रीब्यूशन लंबे समय तक रहे. जितने लंबे समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ज्यादा पैसा आप जोड़ सकते हैं. अगर आप चाहें तो कंपाउंडिंग की ताकत से आप अपने कुल निवेश का दोगुना और तीन गुना पैसा सिर्फ ब्याज से बना सकते हैं. यहां जानिए ऐसी कुछ स्कीम्स के बारे में जो आपको लॉन्ग टर्म में काफी मोटी रकम का मालिक बना सकती हैं या यूं कहें कि आपको करोड़पति भी बना सकती हैं.
SIP
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan- SIP) को आजकल काफी पसंद किया जा रहा है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है और ये निवेश आप किस्तों में कर सकते हैं. एसआईपी में आप जितना लंबे समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही बेहतर कंपाउंडिंग का फायदा ले सकेंगे. जो निवेशक मार्केट में सीधे स्टॉक में पैसा लगाकर ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते, वो SIP में कम जोखिम के साथ निवेश कर सकते हैं. मार्केट लिंक्ड होने के कारण इसमें गारंटीड रिटर्न तो नहीं मिलता, लेकिन आमतौर पर SIP पर अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी तक माना जाता है. कई बार ये 14 और 15 फीसदी तक भी मिल सकता है. जितनी लंबी SIP, उतना बड़ा प्रॉफिट. लॉन्ग टाइम की एसआईपी के जरिए आप करोड़ों का फंड भी इकट्ठा कर सकते हैं.
PPF
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. इसे टैक्स बचाने और निवेश करने का पुराना और सुरक्षित साधन माना जाता है. पीपीएफ में लंबी अवधि के निवेश में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. पीपीएफ में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. लेकिन आप इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़वाकर अपने निवेश को आगे के सालों के लिए भी जारी रख सकते हैं और अच्छी खासी रकम जोड़ सकते हैं. ये स्कीम EEE कैटेगरी में आती है, इस कारण इसमें इन्वेस्टमेंट, इंटरेस्ट और मैच्योरिटी तीनों में टैक्स की बचत होती है.
EPF-VPF
नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफ भी निवेश का बेहतर विकल्प है. ये एक रिटायरमेंट स्कीम है जो आपके बुढ़ापे को सिक्योर करती है. ईपीएफ में भी आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिलता है. साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज अन्य सेविंग्स स्कीम्स की तुलना में ज्यादा होता है. मौजूदा समय में पीएफ पर 8.25% के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. लेकिन ईपीएफ में आप एक निश्चित सीमा तक ही कॉन्ट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
लेकिन अगर आप इसकी ब्याज दरों का फायदा लेने के लिए कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाना चाहते हैं तो आप वीपीएफ का विकल्प चुन सकते हैं और पीएफ में अपना कंट्रीब्यूशन बढ़वा सकते हैं. इससे कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा ज्यादा राशि पर मिलेगा और आप आसानी से अपने रिटायरमेंट तक अच्छा खासा अमाउंट इकट्ठा कर सकते हैं, साथ ही इस रकम पर टैक्स की छूट का फायदा भी ले सकते हैं.