Post Office Scheme: निवेश के लिए अगर सेफ और गारंटीड रिटर्न का ऑप्‍शन चाहते हैं, तो पोस्‍ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश कर सकते हैं. पोस्‍ट ऑफिस की इस स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स की खासियत यह है कि इसमें निवेश की मैक्सिमम लिमिट नहीं है. वहीं, इसमें मल्‍टीपल अकाउंट खुलवाए जा सकते हैं. NSC में डिपॉजिट पर इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्‍शन का भी फायदा मिलता है. 

NSC: ब्याज दर और मैच्‍योरिटी

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पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम में 1 जनवरी 2023 से सालाना 7 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे ब्‍याज की कम्‍पाउंडिंग सालाना आधार पर होती है लेकिन इसका भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है. इस स्कीम का मैच्‍योरिटी 5 साल का है. पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आप 1000 रुपये से NSC में निवेश करते हैं तो अगले 5 साल बाद आपको 1403 रुपये मिलेंगे.

₹5 लाख जमा पर ₹7 लाख मिलेंगे

NSC कैलकुलेटर के मुताबिक, इस स्‍कीम में अगर एकमुश्‍त 5 लाख रुपये जमा किया जाए, तो 5 साल बाद मैच्‍योरिटी पर कुल 7,01,276 रुपये मिलेंगे. इसमें ब्‍याज से 2,01,276 रुपये की इनकम होगी. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश किसी भी पोस्‍ट ऑफिस, जहां पर सेविंग्‍स अकाउंट खुलवाने की सुविधा उपलब्‍ध हो, वहां से कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत अकांउट कम से कम 1000 रुपये से खुलता है. वहीं, इसमें निवेश की अधिकतम लिमिट तय नहीं है.  स्कीम में 100 रुपये के मल्‍टीपल में डिपॉजिट कर सकते हैं. इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित रहता है. बाजार के जोखिम का इस पर कोई असर नहीं होता है.

कौन खुलवा सकता है अकाउंट

पोस्‍ट ऑफिस की वेबसाइट के मुताबिक, NSC अकाउंट देशभर में पोस्ट ऑफिस के ब्रांच में खुलवाया जा सकता है. कोई भी बालिग अकाउंट खुलवा सकता है. इसमें ज्‍वाइंट अकाउंट के अलावा 10 साल के ज्‍यादा उम्र के बच्‍चों के माता-पिता या कानूनी गार्जियन सर्टिफिकेट खरीद सकता है. NSC में मिनिमम 1000 रुपये का निवेश करना है. उसके बाद 100 के मल्‍टीपल में सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. इसमें नि‍वेश करने की कोई सीमा नहीं है. एनएससी में 5 साल के पहले विड्रॉल नहीं कर सकते हैं. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही छूट है. सरकार स्माल सेविंग्स स्कीम पर 3 महीने बाद मिलने वाले ब्याज को रिवाइज करती है

NSC में ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही किया जाता है. NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है. निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है. NSC जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है. इस स्‍कीम में इनकम टैक्‍स सेक्‍शन 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्‍शन क्‍लेम लिया जा सकता है. 

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