PO Scheme: ये है शानदार सरकारी स्कीम; एकबार ₹5 लाख जमा करिये, सिर्फ ब्याज से होगी ₹3083 की मंथली इनकम
Post Office monthly income scheme: बिना रिस्क उठाए छोटी बचत से गारंटीड कमाई के लिए पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम्स शानदार ऑप्शन हैं. इनमें एक स्कीम पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) है.
Post Office monthly income scheme: बिना रिस्क उठाए छोटी बचत से गारंटीड कमाई के लिए पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम्स शानदार ऑप्शन हैं. इनमें एक स्कीम पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) है. पोस्ट ऑफिस की MIS स्कीम में सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा है. MIS अकाउंट में सिर्फ एक बार निवेश करना होता है. इसकी मैच्योरिटी 5 साल की होती है. MIS को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से ब्याज दर बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही निवेश की सीमा में भी इजाफा किया है.
POMIS: मंथली इनकम का अच्छा तरीका
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के तहत सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम 9 लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं, जबकि ज्वॉइंट अकाउंट में 15 लाख रुपये मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट है. अभी इस स्कीम में 7.4 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है. अगर आप चाहें तो आपका कुल प्रिंसिपल अमाउंट 5 साल की मेच्योरिटी पीरियड के बाद वापस मिल जाएगा. वहीं, इसे आगे 5-5 साल और बढ़ा सकते हैं. हर 5 साल बाद ऑप्शन होगा कि अपना प्रिंसिपल अमाउंट ले सकते हैं या स्कीम आगे बढ़ा सकते हैं. अकांउट पर मिलने वाले ब्याज का भुगतान आपके डाक घर के सेविंग्स अकाउंट हर महीने किया जाता है.
POMIS: 5 लाख एकमुश्त जमा पर इनकम
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में मंथली इनकम की गारंटी है. मान लीजिए, आपने सिंगल अकाउंट खुलवाया है और उसमें 5 लाख रुपये जमा कराए हैं. इस पर 7.4 फीसदी की दर से 36,996 रुपये सालाना ब्याज बनता है. इसे 12 महीनों में बांटें तो आपको हर महीने 3083 रुपये मिलेंगे.
नियम के मुताबिक, MIS में दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं.अइस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को बराबर दिया जाता है. ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. सिंगल अकाउंट को भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स की ज्वाइंट एप्लीकेशन देनी होती है.
POMIS: प्रीमैच्योर बंद कराने का विकल्प
MIS की मैच्योरिटी पांच साल होती है, इसमें प्रीमैच्योर क्लोजर हो सकता है. हालांकि, डिपॉजिट की तारीख से एक साल पूरे होने के बाद ही आप पैसा निकाल सकते हैं. नियमों के मुताबिक, अगर एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं, तो डिपॉजिट अमाउंट का 2 फीसदी काटकर वापस किया जाएगा. अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मैच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का 1 फीसदी काटकर वापस किया जाएगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें