Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस (Post Office) की स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स हमेशा से ही निवेश करने के लिए बेहतर ऑप्‍शन रही हैं. इसमें सबसे अच्‍छी बात है कि इसमें गारंटीड रिटर्न के साथ डिपॉजिट पूरी तरह सेफ रहता है. इनमें निवेश पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं होता है. हर उम्र वर्ग की जरूरतों को देखते हुए पोस्‍ट ऑफिस की स्‍कीम्‍स में निवेश का ऑप्‍शन है. इनमें से एक स्कीम पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) है. SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. इस स्कीम में मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है.

15 लाख डिपॉजिट पर मिलेंगे 20.55 लाख 

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पोस्‍ट ऑसिस की वेबसाइट के मुताबिक, अगर सीनियर सिटीजंस स्कीम में एकमुश्त 15 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो सालाना 7.4 फीसदी (कंपाउंडिंग) की ब्याज दर के हिसाब से 5 साल बाद यानी मैच्योरिटी पर कुल रकम 20.55 लाख रुपये होगी. 5 साल में 5.55 लाख रुपये का गारंटीड ब्‍याज मिलेगा. इस तरह, हर तिमाही ब्‍याज 27,750 रुपये मिलेंगे. 

SCSS: कौन खुलवा सकता है अकाउंट

पोस्‍ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्‍स स्‍कीम में अभी सालाना ब्याज 7.4 फीसदी मिल रहा है. इस स्कीम में मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है. 1000 रुपये के मल्टीपल में डिपॉजिट किया जा सकता है. इसमें मैक्सिमम 15 लाख रुपये निवेश किया जा सकता है. इसमें एकमुश्त निवेश करना होता है. 

SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

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स्‍कीम एक्‍सटेंड करने का है ऑप्‍शन

SCSS की मैच्योरिटी होने के बाद अकाउंट को और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए मैच्योरिटी वाली तारीख के एक साल के अंदर एप्लीकेशन देनी होगी. इस अकाउंट में डिपॉजिट पर टैक्‍स डिडक्‍शन का भी फायदा मिलता है. इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट है.

SCSS में ब्‍याज से होने वाली इनकम पर टैक्‍स लगता है. अगर आपकी सभी SCSS की ब्‍याज की इनकम 50,000 रुपये सालाना से ज्‍यादा हो जाती है तो आपका TDS कटने लगता है. टैक्‍स की रकम आपके ब्‍याज से काटी जाती है. अगर ब्‍याज की इनकम तय लिमिट से ज्‍यादा नहीं है तो फॉर्म 15G/15H जमाकर TDS से राहत ले सकते हैं. 

SCSS के खास फीचर 

  • SCSS के तहत डिपॉजिटर इंडीविजुअली या अपनी पत्नी/पति के साथ ज्वॉइंट में एक से ज्यादा अकाउंट भी रख सकता है. लेकिन सभी को मिलाकर मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट 15 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती. 
  • 1 लाख से कम रकम के साथ अकाउंट कैश में खुलवाया जा सकता है लेकिन उससे ज्यादा रकम के लिए चेक का इस्तेमाल करना होगा.
  • सीनियर सिटीजन सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स में अकाउंट खोलने और बंद करवाने के समय नॉमिनेशन फैसिलिटी उपलब्ध है.
  • इस अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है. 
  • इसमें अकाउंट होल्‍डर प्रीमैच्योर क्लोजर कर सकते हैं. लेकिन पोस्ट ऑफिस केवल अकाउंट ओपनिंग के 1 साल बंद अकाउंट क्लोज करने पर डिपॉजिट का 1.5 फीसदी काटेगा, वहीं 2 साल बाद बंद करने पर डिपॉजिट का 1 फीसदी काटा जाएगा.