PM Jandhan Yojana के 8 साल पूरे, वित्त मंत्री ने कहा- 67% ग्रामीण लोगों तक बैंकों की पहुंच
PM Jandhan Yojana: केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि इस योजना के जरिए कई लक्ष्यों को पूरा किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि अबतक इस योजना के तहत कितने खाते खोले जा चुके हैं.
PM Jandhan Yojana: गरीब और आर्थिक वर्ग से वंचित लोगों तक बैंकिंग सर्विस पहुंचाने के लिए जनधन योजना को लॉन्च किया गया था. इस योजना को लॉन्च किए हुए 8 साल पूरे हो गए हैं और इस उपलक्ष्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बयान जारी कर इस योजना के फायदों के बारे में और जानकारी दी है. केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि इस योजना के जरिए कई लक्ष्यों को पूरा किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि वित्तीय समावेशन एक बड़ा कदम है, जिससे समाज के सभी वंचित तबकों को समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सकता है.
ग्रामीण लोगों की बड़ी भागीदारिता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) को 8 साल पूरे हो गए हैं और इस मौके पर वित्त मंत्री ने आधिकारिक बयान जारी कहा कि बैंकिंग सेवा के दायरे से बाहर मौजूद लोगों को वित्तीय व्यवस्था का अंग बनाकर वित्तीय समावेशन की दिशा में एक कदम बढ़ाने जैसा है.
अबतक कितने खाते खोले जा चुके हैं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस योजना के तहत 8 साल में 46 करोड़ से ज्यादा के बैंक खाते खोले जा चुके हैं. इनमें 1.74 लाख करोड़ रुपया जमा है. वित्त मंत्री ने आगे ये भी बताया कि इस योजना की मदद से देश की 67% ग्रामीण आबादी की पहुंच अब बैंकिंग सेवाओं तक हो चुकी है और 56% महिलाओं के पास भी जन-धन खाते हैं.
योजना के तहत मिलता है 1 लाख का इंश्योरेंस कवर
इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक रूपे कार्ड मिलता है. जिसमें 1 लाख का दुर्घटना बीमा भी मिलता है. वित्त मंत्री ने अपने बयान में आगे कहा कि इस योजना को 2018 के बाद भी जारी रखने का फैसला देश में वित्तीय समावेशन के उभरते परिदृश्य की जरूरतों और चुनौतियों का सामना करने की मंशा से प्रेरित था. उन्होंने कहा कि अब हर व्यस्क की बजाय हर व्यस्क के पास बैंक खाता होने को तवज्जो दी गई है.
कोरोना में काफी मददगार साबित हुई योजना
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि वित्तीय समावेशन के लिए बनाई गई यह व्यवस्था कोविड-19 महामारी के समय जरूरतमंदों तक फौरन मदद पहुंचाने में काफी मददगार साबित हुई है. इस योजना के बाद से गरीब और वंचित लोगों को साहूकारों के चंगुल में नहीं फंसना पड़ता है.