उच्‍च शिक्षा की लागत में दिनोंदिन होती बढ़ोतरी की वजह से यह जरूरी है कि आप अभी से अपने बच्‍चों के हाइयर एजुकेशन की तैयारी शुरू कर दें. वर्तमान में इंजीनियरिंग, मेडिकल या मैनेजमेंट की पढ़ाई सस्‍ती नहीं रह गई है. वह जमाना कब का चला गया जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई में 5-10 लाख रुपये लगते थे. वर्तमान में अगर मान लिया जाए कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च 25 लाख रुपये है तो 10 साल बाद यह कितना होगा? शिक्षा की लागत में महंगाई दर से कहीं ज्‍यादा तेजी से इजाफा हो रहा है. मतलब, 10 साल बाद बिजनेस एजुकेशन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का औसत खर्च क्रमश: 70 लाख रुपये और 50 लाख रुपये के करीब आएगा. हम फीस में प्रति वर्ष 8 फीसदी की बढ़ोतरी मानकर चल रहे हैं. इसके अलावा अच्‍छे संस्‍थान में दाखिला लेने के लिए बच्‍चों को कोचिंग भी लेनी पड़ती है जिसका खर्च अभी इसमें जोड़ा ही नहीं गया है.

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पहले ये ही प्‍लान बनाकर चलें

विकसित देशों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार की योजनाएं हैं लेकिन भारत में ऐसा कोई विकल्‍प नहीं है. शिक्षा दिनों-दिन खर्चीली होती जा रही है और माता-पिता को अनपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए योजना बना कर चलना चाहिए. अच्छा तो यह रहेगा कि माता-पिता बच्चों की शिक्षा के लिए शुरू से ही बचत करते चलें. माता-पिता को इस बात का अनुमान लगा कर बचत करनी चाहिए कि 10 साल या 20 साल बाद बच्चे की उच्च शिक्षा में कितना खर्च हो सकता है और उसी हिसाब से योजना बनानी चाहिए. इसे एक टेबल के जरिए समझते हैं.

15,000 रुपये 10 साल में हो जाएंगे इतने

मासिक किस्त 15000 15000 15000
रिटर्न की दर 8% 11% 14%
अवधि (महीने में) 120 120 120
फंड वैल्‍यू 27,44,190.53 32,54,972.08 38,86,033.68

अपने प्‍लान के हिसाब से बढ़ाएं निवेश की रकम

यह टेबल सिर्फ यह समझाने के लिए है कि अगर आप 15,000 रुपये का मासिक निवेश करते हैं तो रिटर्न की विभिन्‍न दरों के हिसाब से 10 साल बाद आपको कितने पैसे मिलेंगे. जरूरत के अनुसार आपको अपने निवेश की राशि बढ़ानी पड़ेगी.

कहां करें अपने बच्‍चों के लिए निवेश

माता-पिता बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए अगर निवेश करना चाहते हैं तो उन्‍हें म्‍युचुअल फंडों में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिये निवेश करना चाहिए. इसके तहत एक निश्चित राशि का निवेश हर महीने म्‍युचुअल फंडों की विभिन्न योजनाओं में किया जाता है. बाजार के उतार-चढ़ाव को मात देने और लंबे समय में धन बनाने का सबसे अच्छा जरिया है सिप.

इस विकल्‍प का चयन निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता पर भी निर्भर करता है. दीर्घावधि में डेट फंड या सरकारी बचत योजनाएं लगभग आठ प्रतिशत का रिटर्न देती हैं. निवेश के ये विकल्‍प कम जोखिम वाले और अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित होते हैं.

ज्‍यादा रिटर्न पाने के लिए इक्विटी म्‍युचुअल फंडों में करें निवेश

इक्विटी फंडों में रिस्‍क ज्‍यादा होता है लेकिन इनमें सबसे अधिक रिटर्न देने की क्षमता भी होती है. आम तौर पर इक्विटी फंड लंबे समय में 11-18% का रिटर्न देते हैं. इक्विटी फंड मुख्‍य रूप से शेयरों में निवेश करते हैं इसलिए कम समय में इसके मूल्य में काफी उतार-चढ़ाव देखा जाता है. बाजार की गिरावट के समय जो निवेशक धैर्य रख सकते हैं वह इन फंडों से ज्यादा लाभ अर्जित कर सकते हैं.