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Post Office की इस स्‍कीम में करने जा रहे हैं निवेश तो इन 4 बातों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज

Post Office Investment: अगर आप पोस्‍ट ऑफिस की स्‍कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके कुछ ड्रॉबैक्‍स जान लें, ताकि बाद में आपके सामने पछतावे की कोई गुंजाइश न रहे.
Updated on: May 21, 2024, 03.04 PM IST
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लंबे समय से नहीं बदली ब्‍याज दर

अप्रैल 2019 से जून 2019 तक पीपीएफ की ब्‍याज दर 8 प्रतिशत थी, इसे बाद इसे घटाकर 7.9% किया गया. जनवरी-मार्च, 2020 में इसे 7.1% कर दिया गया और तब से आज तक ये 7.1 ही है. लंबे समय से इसे नहीं बदला गया. अगर आने वाले समय में ये ब्‍याज दर और कम हो जाती है, तो लोगों के पास इससे बेहतर रिटर्न देने वाले तमाम विकल्‍प मौजूद होंगे.

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लंबे समय का निवेश

पीपीएफ का एक नुकसान ये है कि ये निवेश काफी लंबे समय का होता है. इसमें लगातार 15 सालों तक आपको इन्‍वेस्‍टमेंट करना पड़ता है, उसके बाद आपकी रकम मैच्‍योर होती है. ऐसे में आपका पैसा लंबी अ‍वधि के लिए फंस जाता है. लंबी अवधि के निवेश ही करना है तो पीपीएफ से बेहतर विकल्‍प म्‍यूचुअल फंड्स और एनपीएस को माना जा रहा है. ये मार्केट लिंक्‍ड होने के बावजूद लॉन्‍ग टर्म में बेहतर रिटर्न देते हैं. एनपीएस के जरिए आप पेंशन का भी इंतजाम कर सकते हैं.

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जॉइंट अकाउंट का विकल्‍प नहीं

पीपीएफ में आपको जॉइंट अकाउंट का विकल्‍प नहीं मिलता है और न ही एक व्‍यक्ति एक से ज्‍यादा पीपीएफ अकाउंट ओपन करवा सकता है. हालांकि आप इसमें कई नॉमिनी जरूर बना सकते हैं और उनके अलग-अलग हिस्‍से भी तय कर सकते हैं. अगर अकाउंट होल्‍डर की किसी कारणवश मृत्‍यु हो जाती है तो नॉमिनी को वो रकम निकालने का अधिकार होता है.

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इन्‍वेस्‍टमेंट की अधिकतम लिमिट

पीपीएफ में इन्‍वेस्‍टमेंट की अधिकतम लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना है. अगर आपकी सैलरी काफी अच्‍छी है और आप इस स्‍कीम में ज्‍यादा इन्‍वेस्‍टमेंट करना चाहते हैं, तो आप नहीं कर सकते. ऐसे में आपको निवेश के दूसरे ऑप्‍शन तलाशने पड़ते हैं.