Retirement Planning: बुढ़ापे पर इनकम का सॉलिड जुगाड़ हैं ये 5 स्कीम्स, हर महीने दिलाएंगी पेंशन..मौज से कटेगी जिंदगी
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, May 14, 2024 11:26 AM IST
अगर आप अपने बुढ़ापे को अच्छी तरह से बिताना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एकमुश्त बड़ी रकम के साथ रेगुलर इनकम के लिए भी इंतजाम करने की जरूरत होगी. बड़ी रकम आपके बुढ़ापे को सिक्योर करेगी तो वहीं हर महीने होने वाली इनकम से आपकी रोज की जरूरतें आसानी से पूरी होती रहेंगीं. ऐसे में आपको किसी पर निर्भर होने की जरूरत नहीं होती है. यहां जानिए ऐसी 5 स्कीम्स के बारे में जो आपके लिए ओल्ड एज में रेगुलर इनकम का सॉलिड जुगाड़ मानी जाती हैं.
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अटल पेंशन योजना
अगर आप टैक्सपेयर नहीं हैं तो बुढ़ापे पर रेगुलर इनकम का इंतजाम आप अटल पेंशन योजना के जरिए कर सकते हैं. इसमें 18 साल की उम्र से लेकर 40 साल से पहले तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसमें व्यक्ति को हर महीने थोड़ा अंशदान 60 की उम्र पूरी होने तक देना होता है. इस स्कीम के जरिए 60 साल की उम्र के बाद लोगों को 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक मासिक पेंशन का लाभ दिया जाता है. आप जितनी पेंशन बुढ़ापे पर लेना चाहते हैं, उसके हिसाब से आपकी अंशदान की राशि तय होती है.
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नेशनल पेंशन सिस्टम
मंथली पेंशन पाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (Nation pension System) भी एक अच्छा विकल्प है. भारत का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, इस स्कीम का लाभ ले सकता है. ये लेकिन मार्केट लिंक्ड सरकारी स्कीम है. पेंशन लेने के लिए आपको 60 साल की आयु तक निवेश करना होगा. हालांकि अगर खाताधारक को रिटायरमेंट के पहले ही इमरजेंसी फंड की आवश्यकता होती है, तो आप जमा राशि से 60% अमाउंट को निकाल सकते हैं. हालांकि इसमें 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसी से आपको पेंशन दी जाती है. एन्युटी की रकम जितनी ज्यादा होगी, आपको पेंशन उतनी ज्यादा मिलेगी.
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सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान
सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है जिसके तहत निवेशक को म्यूचुअल फंड स्कीम से एक तय राशि मासिक रूप से मिलती है. इसके जरिए बुढ़ापे पर अच्छी खासी पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है. लेकिन पहले आपको अपनी नौकरी के साथ SIP या किसी अन्य स्कीम के जरिए मोटा फंड जमा करना होगा. आप SWP के लिए रिटायरमेंट पर मिलने वाले फंड का भी कर सकते हैं. SWP की राशि म्यूचुअल फंड यूनिट्स बिकने से आपको मिलती है. फंड खत्म हुआ तो SWP बंद हो जाएगा. आपको मंथली, तिमाही और सालाना कब पैसा चाहिए ये आपको तय करना होता है. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.
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ईपीएफओ
अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने ईपीएफओ में कॉन्ट्रीब्यूशन करते हैं, तो आपको EPS (इम्प्लॉई पेंशन स्कीम) की सुविधा के बारे में पता होगा. EPFO प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनकी सोशल सिक्युरिटी के लिए यह पेंशन स्कीम चलाता है. अगर आपने लगातार 10 सालों तक ईपीएस में योगदान दिया है तो आप ईपीएफओ से पेंशन पाने के हकदार हो जाते हैं. ये पेंशन रिटायरमेंट की उम्र पर मिलती है और आपके कॉन्ट्रीब्यूशन की राशि पर निर्भर करती है.
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