Income tax के सेक्शन 80C के अलावा भी बचा सकते हैं टैक्स, ये हैं 10 ऑप्शन
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Thu, Oct 22, 2020 08:59 AM IST
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है. पिछले वित्तीय वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न 30 नवंबर 2020 तक भरा जाना है. आमतौर पर यह जुलाई अंत तक भरा जाता है. लेकिन, कोरोना संकट के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया था.
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टैक्स बचाने के लिए 10 ऑप्शन
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1) नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
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2) हेल्थ इंश्योरेंस (80D)
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3) एजुकेशन लोन (80E)
अगर आपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है तो उसके रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80E के तहत एजुकेशन लोन के ब्याज के हिस्से पर टैक्स छूट ले सकते हैं. ये टैक्स छूट पैरेंट्स और बच्चा कोई भी ले सकता है, ये इस बात पर तय होगा कि लोन चुका कौन रहा है. इसमें टैक्स छूट की कोई सीमा नहीं है, आप जितना चाहें ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
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4) होम लोन का ब्याज (सेक्शन 24)
होम लोन रीपेमेंट पर आप दो तरह से टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का टैक्स छूट तो लेते ही हैं, साथ ही ब्याज कंपोनेंट पर सेक्शन 24 के तहत छूट ले सकते हैं. इस सेक्शन के तहत आप अधिकतम 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं, बशर्ते प्रॉपर्टी आपके नाम पर हो और आप उसमें रहते हों. अगर आप उस घर में नहीं रहते बल्कि आपने रेंट पर दे रखा है तो आपकी टैक्स छूट क्लेम करने की कोई सीमा नहीं है, यानी आपने एक साल के दौरान जितना भी ब्याज भरा हो पूरा टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगा.
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5) पहली बार घर खरीदने पर (80EE)
अपना पहला घर खरीदने वालों को सरकार सेक्शन 80EE के तहत होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त छूट देती है, बशर्ते इसके पहले आपके नाम पर कोई दूसरा घर नहीं होना चाहिए. इस सेक्शन के तहत आप 50,000 रुपये तक अतिरिक्त टैक्स क्लेम कर सकते हैं. ये छूट सेक्शन 24 के तहत मिलने वाली छूट के अलावा होती है. यानी पहली बार घर खरीदने वालों को एक साल में कम से कम 2.5 लाख रुपये तक की छूट होम लोन के ब्याज पर ही मिल जाती है. इसके लिए शर्त ये भी है कि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और लोन की 35 लाख या इससे कम होना चाहिए.
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6) HRA (80GG)
अगर आप सैलरीड हैं और आपकी कंपनी HRA देती है, तो रेंट पर आप टैक्स छूट पाते हैं. लेकिन अगर आपको HRA नहीं मिलता है तो आप हाउस रेंट पर टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आप या तो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या फिर खुद का कोई काम करते हैं. ऐसे लोगों को सरकार सेक्शन 80GG का विकल्प देती है.
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7) सेविंग बैंक ब्याज (80TTA)
सेविंग बैंक अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर भी आप टैक्स छूट पा सकते हैं. सेक्शन 80TTA के तहत कोई भी व्यक्ति या HUF अधिकतम 10,000 रुपए तक टैक्स छूट पा सकता है. इसमें बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाइटी या फिर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट शामिल हैं. ये टैक्स छूट सभी के लिए है, इसके लिए सीनियर सिटिजन की शर्त नहीं है. 10,000 रुपए से ज्यादा ब्याज को अन्य आय की श्रेणी में गिना जाएगा और उस पर टैक्स चुकाना होगा.
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8) दिव्यांग मेडिकल खर्च (80DD)
अगर आप किसी दिव्यांग की देखरेख करते हैं तो उस पर होने वाले खर्च को सेक्शन 80DD के तहत क्लेम कर सकते हैं. वो दिव्यांग व्यक्ति परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है, जैसे माता-पिता, बच्चा या फिर भाई-बहन. आपको कितनी टैक्स छूट मिलेगी ये दिव्यांगजन की disability पर निर्भर करता है. इसमें 75,000 रुपये से लेकर 1.25 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है.
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