घर खरीदते वक्त पैसों से जुड़ी इन 5 बातों का रखें ख्याल, कभी नहीं होगी दिक्कत
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Thu, Oct 21, 2021 01:58 PM IST
5 Important Additional Expenses for Buying Home: घर खरीदने का सपना हर कोई रखता है. इसके लिए लोग अपनी प्लानिंग समय रहते शुरू कर देते हैं. वहीं घर खरीदने के बाद आप फाइनेंशियली भी स्ट्रॉन्ग हो जाते हैं. क्योंकि ये किसी की लाइफ की सबसे बड़ी खरीदारी होती है. इस काम को विस्तृत वित्तीय योजना के बिना नहीं किया जा सकता है. (Additional Home Buying Expenses) जिस किसी भी बिल्डर-विक्रेता से आप घर खरीदते हैं उसकी बताई हुई ऑनरशिप कॉस्ट और एक्चुअल ऑनरशिप कॉस्ट में काफी अंतर होता है. लेकिन आपको अपने सपनों का घर खरीदते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, आइए आपको बताते हैं. ताकि आगे चलकर आप अपने फाइनेंस की बेहतर प्लानिंग कर सकें.
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स्टाम्प ड्यूटी
Stamp Duty को प्रोपर्टी की सेल और खरीद का प्रूफ माना जाता है. ये एक तरीके का सरकार की करफ से प्रॉपर्टी से जुड़े लेनदेनों पर अनिवार्य रूप से लगाया गया टैक्स होता है, जिससे सेल्ट एग्रीमेंट की ऑथेन्टिसिटी साबित होती है. जिस राज्य में आप घर खरीद रहे हैं, वहां का Stamp Duty चार्ज प्रॉपर्टी की वैल्यू के 4% से 7% के बीच में हो सकता है. (why stamp duty is important) स्टेम्प ड्यूटी रेट राज्य सरकार तय करती है. (home buying process checklist) इसके अलावा कई राज्यों में घर की ऑनरशिप संभालने वाली महिलाओं और किफायती घर को खरीदने वालों को 1 परसेंट की छूट दी जाती है.
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रजिस्ट्रेशन फीस
Registration Fees का भी आपको खासा ख्याल रखना चाहिए. ये रिकॉर्ड मकान/ प्रॉपर्टी को खरीदते समय उसकी रजिस्ट्री करते समय प्रॉपर्टी के ऑनरशिप रिकॉर्ड को अपडेट करते समय वसूला जाता है. (Registration Fees for Home) कई राज्यों में रजिस्ट्रेशन लागत घर की लागत का 1 परसेंट होती है. वहीं अगर किसी घर की वैल्यू 59 लाख रुपए है, तो आपको उसे रजिस्ट्रेशन चार्जेस 50,000 रुपए देने होंगे.
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माल और सेवा कर (जीएसटी)
अगर आप अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी हैं, तो इस पर आपको GST जरूर देना होता है. GST की कैलकुलेशन अगर प्रॉपर्टी अफॉर्डेबल हाउसिंग की केटेगिरी में आती है, तो घर की वैल्यू के 1 परसेंट रेट पर की जाती है. वरना इससे हटकर आपको प्रॉपर्टी की वैल्यू पर 5 परसेंट GST देना होता है. अफॉर्डेबल प्रॉपर्टी (किफायती संपत्ति) को एक घर के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसकी प्रॉपर्टी वैल्यू 45 लाख रुपए से कम है और मेट्रो में एरिया 60 वर्ग मीटर से कम और अन्य लोकेशन्स में एरिया 90 वर्ग मीटर से कम होता है.
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एडवांस मेंटेनेंस चार्जेस
प्रॉपर्टी Maintanance Charges से घर की कॉस्ट पर काफी हद तक फर्क पड़ता है. (Advance Maintenance Charges) बिल्डर इन्हें एक या हो साल पहले ले सकते हैं. इस कॉस्ट की कीमत का अंदाजा लगाया जाए, तो ये प्रॉपर्टी के साइज और लोकेशन के अलावा अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के आधार पर लाखों में हो सकती है. सबसे जरूरी बात, मेंटेनेंस चार्जेस में भवन की सुरक्षा, लिफ्ट चार्जेस, प्रॉपर्टी की मेंटेनेंस फीस, और कॉमन वॉटर और Electric Charges के अलावा बहुत कुछ शामिल हो सकता हैं.
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