Personal Loan: ज्यादा ब्याज के अलावा ये 6 चार्जेज भी देने पड़ते हैं, पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं तो जरूर जान लें इनके बारे में
पर्सनल लोन काफी आसानी से अप्रूव हो जाता है. यही वजह है कि अचानक आयी किसी जरूरत को पूरा करने के लिए अक्सर लोग पर्सनल लोन का चुनाव करते हैं.
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन कहलाता है क्योंकि इसमें किसी तरह की प्रॉपर्टी या गोल्ड को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. पर्सनल लोन लेने के लिए बहुत ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत भी नहीं होती है. ये काफी आसानी से अप्रूव हो जाता है. यही वजह है कि अचानक आयी किसी जरूरत को पूरा करने के लिए अक्सर लोग पर्सनल लोन का चुनाव करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पर्सनल लोन लेते समय आपको कई तरह के चार्जेज भी देने पड़ते हैं. अगर आप पर्सनल लोन लेने की तैयारी में हैं, तो यहां जानिए इसके बारे में.
प्रॉसेसिंग फीस
लोन लेते समय आपको इसकी प्रॉसेसिंग फीस देनी होती है. प्रॉसेसिंग फीस अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है. हालांकि ये बहुत ज्यादा नहीं होती है. ये लोन की कुल राशि का 0.5% और 2.50 प्रतिशत के बीच होती है.
वेरिफिकेशन चार्ज
किसी भी लोन को लेने से पहले बैंक एक बार ये जांच परख जरूर करता है कि लोन लेने वाले के पास इसकी भरपाई करने की क्षमता है या नहीं. आपकी साख को सत्यापित करने के लिए किसी तीसरे पक्ष संगठन को भुगतान करते हैं और वो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखते हैं. इन सब में जो खर्च होता है, उसकी लागत को लोन लेने वाले से वसूला जाता है.
ईएमआई स्किप होने पर जुर्माना
लोन की ईएमआई एक बार शुरू हो जाए, तो उसे समय पर चुकाना होता है. इस बीच अगर आपकी ईएमआई चुकाने से रह जाती है, तो आपसे इसका जुर्माना वसूला जा सकता है. इसलिए कोशिश करके लोन समय पर चुकाएं.
डुप्लीकेट स्टेटमेंट फीस
आप कभी भी बकाया लोन की कुल राशि का ट्रैक खो देते हैं तो आपको इसे वापस लेने के लिए अपने बैंक जाना जाता है. इसके लिए आपसे मामूली शुल्क लिया जाता है और आप अपने विवरण को दोबारा प्राप्त कर सकते हैं.
जीएसटी
ग्राहक को अगर लोन स्वीकृति या रीपेमेंट पीरियड के दौरान अतिरिक्त सेवाओं की जरूरत होती है, तो उसे जीएसटी कर तौर पर छोटा सा अमाउंट देना पड़ता है.
प्रीपेमेंट पेनल्टी
अगर आप लोन को समय से पहले ही चुका देना चाहते हैं तो बैंक इसके लिए आपसे प्रीपेमेंट पेनल्टी लेता है. ज्यादातर मामलों में ये दो से चार फीसदी तक हो सकता है.