Money Guru: जैसे आप शरीर को हेल्दी रखने के लिए फ्रेश खाना खाते हैं, एक्सरसाइज करते हैं, वैसे ही पोर्टफोलियो हेल्दी रखने के लिए आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. तो फिर आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने पोर्टफोलियो को महंगाई और बाजार की अनिश्चितता से बचा सकते हैं? इसके साथ ही जानिए कि कैसे बढ़ती ब्याज दरों में कैसे आप अपने पोर्टफोलियो को डिजाइन करके आप इसे हेल्दी रख सकते हैं. इसके लिए मिराए एसेट में बैंक एंड ND की सेल्स हेड सुरंजना बोरठाकुर और मॉर्निंगस्टार में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट कविता कृष्णन आपको देंगी कुछ खास टिप्स.

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पोर्टफोलियो को वोलैटिलिटी से कैसे बचाएं?

  • बाजार में उतार-चढ़ाव के कई साइकिल
  • बाजार के हर बदलाव पर निवेश न बदलें
  • लक्ष्य और अवधि के अनुसार स्ट्रैटेजी बनाएं
  • निवेश को छोटी,मध्यम,लंबी अवधि में बांटें
  • आय के साथ-साथ निवेश रकम को भी बढ़ाएं
  • सही एसेट एलोकेशन से वोलैटिलिटी से बचाव
  • अलग-अलग एसेट क्लास में डायवर्सिफाई करें

पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई कैसे करें?

  • पोर्टफोलियो में हर एसेट क्लास को शामिल करें
  • इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, गोल्ड में निवेश करें
  • अस्थिर बाजार में इक्विटी वोलैटाईल तो डेट स्थिर
  • इक्विटी बाजार की गिरावट में सोने सुरक्षित निवेश विकल्प
  • डायवर्सिफिकेशन से रिस्क कम करना आसान

बढ़ती दरों में डेट निवेश (Debt Investment)

  • डेट फंड पर बढ़ती दरों का नेगेटिव असर
  • लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश से बचें
  • लिक्विड,अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में निवेश करें
  • मीडियम ड्यूरेशन,डायनमिक बॉन्ड फंड सही
  • बैंकिंग एंड PSU बॉन्ड फंड में निवेश करें

बढ़ती दरों में इक्विटी निवेश (Equity Investment)

  • बाजार में उतार-चढ़ाव जारी
  • बढ़ती दरों का बाजार पर असर
  • कोई भी असर सिर्फ छोटे समय के लिए
  • इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश से फायदा
  • म्यूचुअल फंड में SIP,महंगाई को मात देने में कारगर

महंगाई को मात कैसे दें?

  • अलग-अलग असेट का एक्सपोजर रखें
  • अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करें
  • महंगाई दर से ऊपर जहां रिटर्न, वहां निवेश करें
  • लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस रखें

कहां महंगाई से ज्यादा रिटर्न?

  • मुनाफा वहीं जो महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न दे
  • FD महंगाई को मात देने में कारगर नहीं
  • फिक्स्ड इनकम में छोटे समय के निवेश से फायदा
  • इक्विटी में महंगाई को मात देने में सक्षम

फिक्स्ड डिपॉजिट Vs डेट फंड

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के फायदे

  • सुरक्षित निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पहली पसंद
  • 7 दिन से 10 साल तक के लिए FD खोलने का विकल्प
  • निवेशक बैंक और डाक विभाग में खोल सकते हैं FD
  • निवेशकों के पास कॉरपोरेट FD का भी है विकल्प  
  • टैक्स सेवर, रिकरिंग डिपोजिट, प्रवासी भारतीयों के लिए FD  
  • एकमुश्त रकम तय अवधि के लिए रख सकते हैं
  • तय अवधि के साथ ही ब्याज भी तय होता है

FD के नुकसान

  • फिक्स्ड डिपॉजिट में रिटर्न बहुत कम
  • FD पर ब्याज दरों में हो रही कटौती
  • पोस्ट-टैक्स रिटर्न भी नहीं होता बेहतर
  • FD महंगाई को मात देने में कारगर नहीं

क्या होते हैं डेट फंड (Debt Fund)

  • डेट म्यूचुअल फंड का डेट इंस्ट्रूमेंट में होता है निवेश
  • बॉन्ड, डिबेंचर्स, सरकारी सिक्योरिटीज हैं डेट इंस्ट्रूमेंट
  • डिपॉजिट सर्टिफिकेट, कमर्शियल पेपर भी डेट इंस्ट्रूमेंट
  • अलग-अलग वित्तीय लक्ष्यों के लिए अलग-अलग डेट फंड

डेट फंड के नुकसान

  • डेट फंड में होता है थोड़ा जोखिम
  • डेट में उतार-चढ़ाव आता है नजर
  • डेट में क्रेडिट रिस्क, इंटरेस्ट रेट रिस्क
  • स्कीम से जुड़े कई रिस्क भी शामिल

डेट फंड- टैक्स देनदारी

  • निवेश की अवधि के मुताबिक टैक्स देनदारी
  • 3 साल से पहले मुनाफा भुनाया तो STCG टैक्स लगेगा
  • ऐसे में टैक्स देनदारी ट्रैक्स स्लैब के हिसाब से होगी
  • 3 साल बाद मुनाफा भुनाया तो LTCG टैक्स लगेगा
  • 20% टैक्स इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ लगेगा