लाइफ इंश्योरेंस के अलावा एक्सिडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी की जरूरत क्या है, जानिए इसके फायदे
आमतौर पर हम बीमा लेते समय एक्सिडेंट इंश्योरेंस को नजरअंदाज कर देते हैं. ये इंश्योरेंस जीवन बीमा, टर्म इंश्योरेंस, मोटर इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले कम लोकप्रिय है, हालांकि ये भी बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है, खासतौर से नई उम्र के लोगों के लिए.
ज्यादातर कंपनियां 25-30 लाख रुपये से अधिक का एक्सिडेंट इंश्योरेंस नहीं देती है (फोटो- रायटर्स).
ज्यादातर कंपनियां 25-30 लाख रुपये से अधिक का एक्सिडेंट इंश्योरेंस नहीं देती है (फोटो- रायटर्स).
आमतौर पर हम बीमा लेते समय एक्सिडेंट इंश्योरेंस को नजरअंदाज कर देते हैं. ये इंश्योरेंस जीवन बीमा, टर्म इंश्योरेंस, मोटर इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले कम लोकप्रिय है, हालांकि ये भी बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है, खासतौर से नई उम्र के लोगों के लिए. अगर आपका परिवार पूरी तरह आप पर ही निर्भर है तो आपको एक्सिडेंट पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी दुर्घटना के चलते लंबे समय तक अक्षम होने पर आय का नुकसान होगा और ईलाज पर भी लंबे समय तक खर्च करना पड़ेगा. एक्सिडेंट इंश्योरेंस बहुत सस्ता होता है और बेहद कम प्रीमियम देकर ये बीमा खरीदा जा सकता है.
पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस के तहत अस्थायी विकलांगता, आय हानि और अस्पताल में भर्ती सहित सभी प्रकार के नुकसानों को कवर किया जाता है. इस पॉलिसी में सिर्फ रोड़ एक्सिडेंट ही नहीं, बल्कि सभी तरह की दुर्घटनाएं कवर होती हैं, जैसे सीढ़ियों से नीचे गिरना, खेल खेलते समय हाथ या पैर टूट जाना या मारपीट और हिंसा का शिकार होना.
यदि दुर्घटना के दौरान आकस्मिक मृत्यु होती है तो बीमा कंपनी नॉमिनी को पूरी बीमा राशि का भुगतान करेगी. ऐसे मामलों में नॉमिनी को पॉलिसी के कवर के अनुसार कुल बीमा राशि का 100% मिलता है. स्थायी आंशिक विकलांगता, जैसे कुछ समय के लिए बोलने की क्षमता या आंखों की रोशनी का चले जाना, पैर या हाथ का नुकसान, की स्थिति में पॉलिसीधारक को निश्चित अवधि के दौरान नियमित रूप से या एकमुश्त भुगतान के रूप में बीमित राशि का एक निश्चित प्रतिशत दिया जाता है. स्थायी विकलांगता की स्थिति में पूरी बीमा राशि का दावा किया जा सकता है.
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इस पॉलिसी में आमतौर पर मेडिकल हिस्ट्री को कवर नहीं किया जाता है, लेकिन आपके पेशे के हिसाब से प्रीमियम बढ़घट सकती है. जैसे हो सकता है कि अधिक जोखिमपूर्ण पेशे वाले लोगों को ज्यादा प्रीमियम देनी हो. आमतौर पर 3000 रुपये सालाना प्रीमियम देकर 20 लाख तक का एक्सिडेंट इंश्योरेंस लिया जा सकता है. ज्यादातर कंपनियां 25-30 लाख रुपये से अधिक का एक्सिडेंट इंश्योरेंस नहीं देती है. इस पॉलिसी में बीमारी से होने वाली मृत्यु को कवर नहीं किया जाता है.
08:40 PM IST