फाइनेंस मिनिस्‍ट्री जल्‍द ही FD व कई दूसरे फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट को डीमैट फॉर्म में जारी कर सकती है. उसे मिनिस्‍टर के एक पैनल ने ऐसा करने का सुझाव दिया है. पैनल का तर्क है कि डीमैट फॉर्म से ग्राहकों को सहूलियत होगी और यह काफी सुरक्षित भी है. 

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इस पैनल के मुखिया इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी हैं. उन्‍होंने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) और RBI इस पर मंथन करने को कहा है. य‍ह सुझाव फाइनेंस मिनिस्‍ट्री को सौंपा जा चुका है. 

कानून में होगा बदलाव

पैनल ने सुझाव दिया कि FD और दूसरे फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट को डीमैट फॉर्म में जारी करने के लिए कानून में जो बदलाव जरूरी हैं, वे किए जाने चाहिए. साथ ही सरकार को पोस्‍ट ऑफिस में जमा सभी फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट को डीमैट फॉर्म में बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए. जहां तक संभव हो इन्हें डीमैट रूप में बदला जाना चाहिए, नहीं तो इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाना चाहिए.

क्‍या होगा फायदा

डीमैट फॉर्म सबसे सिक्‍योर खाता होता है. इसके लिए 'नो योर कस्टमर' यानि KYC करानी होती है. KYC से आपका फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट और सिक्‍योर हो जाता है. इससे कई तरह के फ्रॉड पर भी रोक लगाई जा सकेगी.

FD हो जाएगी महंगी

CA अरविंद दुबे का कहना है कि सरकार को सभी FD को डीमैट फॉर्म में नहीं बदलना चाहिए. इसके लिए कैपिंग करनी चाहिए मसलन 10 लाख रुपए से ऊपर की FD को डीमैट में कन्‍वर्ट करना सही होगा. छोटी FD को डीमैट में बदलने से वह महंगी हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्‍योंकि KYC कराने और डीमैट खाता चालू रखने का सालाना खर्च भी लगता है.