इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN के आवेदन में आवेदक के पिता-माता के अलग होने की स्थिति में पिता का नाम देने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने एक अधिसूचना के जरिये आयकर नियमों में संशोधन किया है. विभाग ने कहा है कि अब आवेदन फॉर्म में ऐसा विकल्प होगा कि माता-पिता के अलग होने की स्थिति में आवेदक मां का नाम दे सकता है. अभी PAN आवेदनों में पिता का नाम देना अनिवार्य है.

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5 दिसंबर से लागू होगा नया नियम

नया नियम 5 दिसंबर से लागू होगा. नांगिया एडवाइजर्स एलएलपी के भागीदार सूरज नांगिया ने कहा कि इस अधिसूचना के जरिये कर विभाग ने उन लोगों की चिंता को दूर कर दिया है जिनमें ‘‘माता-पिता’’ में अकेले मां का ही नाम है. ऐसे में वह व्यक्ति PAN कार्ड पर सिर्फ मां का ही नाम चाहता है, अलग हो चुके पिता का नहीं.

2.5 लाख रुपये से अधिक का सालाना ट्रांजैक्‍शन करने वाले इकाइयों के लिए जरूरी होगा PAN

इस अधिसूचना के जरिये एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन करने वाली इकाइयों के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन करने को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए आवेदन आकलन वर्ष के लिए 31 मई या उससे पहले करना होगा. नांगिया ने कहा कि अब निवासी इकाइयों के लिए उस स्थिति में भी पैन लेना होगा जबकि कुल बिक्री-कारोबार-सकल प्राप्तियां एक वित्त वर्ष में पांच लाख रुपये से अधिक नहीं हों.

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उन्होंने कहा कि इससे आयकर विभाग को वित्तीय लेनदेन पर निगाह रखने, अपने कर आधार को व्यापक करने और कर अपवंचना (TAX Evasion) रोकने में मदद मिलेगी.