PACL Chit Fund Refund: PACL निवेशक ध्यान दें! ठप रहेगा रिफंड प्रोसेस, अगले 5 दिन काम नहीं करेगा पोर्टल
SEBI की एक हाई अथॉरिटी कमिटी ने बुधवार को बताया है कि तकनीकी दिक्कतों के कारण PACL निवेशकों के लिए ‘रिफंड पोर्टल’ पांच दिन तक ‘ठप’ रहेगा. यह समिति ही पीएसीएल निवेशकों की उनका पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया देख रही है.
PACL Chit Fund Refund Latest News 2022: PACL निवेशकों को 1 नवंबर, 2022 से रिफंड ऐप्लीकेशन में संशोधन करने का मौका मिलना शुरू हुआ है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते अगले पांच दिनों के लिए उनका कोई काम नहीं हो पाएगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (Securities and Exchange Board) की एक हाई अथॉरिटी कमिटी ने बुधवार को बताया है कि तकनीकी दिक्कतों के कारण PACL निवेशकों के लिए ‘रिफंड पोर्टल’ पांच दिन तक ‘ठप’ रहेगा. यह समिति ही पीएसीएल निवेशकों की उनका पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया देख रही है.
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति निवेशकों की पुष्टि करने के बाद संपत्तियों के निपटान के जरिये उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया देख रही है. समिति कई चरणों में रिफंड की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में सेबी ने इस समिति का गठन किया था.
समिति ने अक्टूबर में 15,000 रुपये तक के दावों वाले निवेशकों के लिए एक ‘सुविधा’ तैयार की थी. यह सुविधा उन निवेशकों के लिए थी जिनके आवेदनों में कुछ कमी रह गई थी. ये निवेशक sebipaclrefund.co.in पोर्टल पर इन खामियों को दुरुस्त कर सकते हैं. यह सुविधा एक नवंबर, 2022 से शुरू होकर 31 जनवरी, 2023 तक उपलब्ध कराई गई थी. सेबी की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, ‘‘तकनीकी दिक्कतों के कारण रिफंड पोर्टल पर पांच दिन तक आवेदन दोबारा जमा नहीं किए जा सकेंगें.’’
क्या है पूरा मामला?
Pearl Group के नाम से भी जानी जाने वाली PACL ने कृषि और रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन जुटाया था. सेबी ने पाया था कि कंपनी ने 18 साल की अवधि में एक गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजना (CIS) के जरिये 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी. आरोप है कि पर्ल्स ने निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए उन्हें आकर्षक ब्याज दर की पेशकश की, जबकि एजेंट को तगड़ा कमीशन दिया. ऐसे में ब्याज और कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना पैसा लगा दिया.
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने दिसंबर, 2015 को PACL और उसके नौ प्रवर्तकों समेत निदेशकों की सभी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था, जो कि निवेशकों के पैसे वापस करने में फेल रहे थे.
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