PACL Chit Fund Refund: निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी, 31 जनवरी 2023 तक मिलेगा रिफंड का मौका, SEBI का नया आदेश
PACL Chit Fund Refund latest news 2022: रिटायर्ड जज आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन PACL में निवेश करने वाले निवेशकों के पैसे लौटाने की व्यवस्था करने के लिए की गई थी.
PACL Chit Fund Refund latest news 2022: चिटफंड कंपनी पर्ल ग्रुप (PACL) के निवेशकों को बड़ी खुशखबरी मिली है. रिफंड के लिए SEBI ने नया आदेश जारी किया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की समिति ने 15000 रुपए तक के क्लेम को रिफंड देने की मंजूरी दे दी है. SEBI के नए आदेश में कहा गया है कि अब तक जिन निवेशकों ने 15000 रुपए तक के क्लेम के अप्लाई किया था उनके रिफंड को मंजूरी दे दी गई है. लेकिन, कुछ निवेशकों की एप्लीकेशन में खामियां मिली हैं. ऐसे निवेशक 31 जनवरी 2023 तक अपना क्लेम रेक्टिफाई (ठीक) करके रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं.
15000 रुपए तक के क्लेम के भुगतान को मंजूरी
SEBI ने एप्लीकेशन में गलती को ठीक करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा भी दी है. इन खामियों को दूर करने के लिए sebipaclrefund.co.in पर अप्लाई करना है. PACL के निवेशकों को जमा राशि लौटाने से संबंधित SEBI की समिति ने 15,000 रुपए तक के क्लेम के भुगतान की अनुमति दी है. खामियों को दूर करने के लिए एक नवंबर से लेकर 31 जनवरी, 2023 तक विंडो खुली रहेगी. रिटायर्ड जज आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन PACL में निवेश करने वाले निवेशकों के पैसे लौटाने की व्यवस्था करने के लिए की गई थी.
कब से मिलने शुरू हुआ रिफंड?
बता दें, PACL के निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया जनवरी 2020 में शुरू हुई थी. पहले 5,000 रुपए तक के दावों का निपटान किया गया था. इसके बाद जनवरी मार्च 2021 में 10,000 रुपए तक के क्लेम स्वीकार किए गए थे. साल 2022 के अप्रैल महीने में SEBI ने 10001 से 15000 रुपए तक रिफंड के आवेदन मंगाए थे. इन आवेदनों के लिए अब रिफंड दिया जा रहा है. लेकिन, कुछ निवेशकों के आवेदन में खामियां मिली हैं. जिन्हें दुरुस्त करने के लिए जनवरी 2023 तक मोहलत दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
चर्चित पर्ल ग्रुप (PACL) ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर रिटेल इन्वेस्टर्स से बड़ी राशि जुटाई थी. SEBI के मुताबिक, इस कंपनी ने 18 साल के अंदर निवेशकों से करीब 60,000 करोड़ रुपए गैरकानूनी ढंग से जुटाए थे. पर्ल्स ने निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए उन्हें आकर्षक ब्याज दर की पेशकश की, जबकि एजेंट को तगड़ा कमीशन दिया. ऐसे में ब्याज और कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना पैसा लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद SEBI ने एक्शन लेते हुए अब निवेशकों को रिफंड दिला रही है.