देश भर में आधार कार्ड (Aadhaar Card) को अपनाने और इसके इस्तेमाल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ये इस बात को गवाह कि आधार कार्ड न सिर्फ नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है बल्कि लोगों के जीवन को काफी आसान भी बना रहा है. अक्टूबर, 2022 में आधार के जरिए 175.44 करोड़ से ज्यादा प्रमाणीकरण लेनदेन (Authentication Transactions) किए गए. इनमें से ज्यादातर लेनदेन मासिक लेन-देन फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके किए गए थे. इसके बाद डेमोग्राफिक और ओटीपी प्रमाणीकरण के जरिए किया गया.

डिजिटल इंडिया को नई ऊंचाई देने में बड़ी भूमिका निभा रहा आधार

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अक्टूबर के अंत तक कुल मिलाकर लगभग 8426 करोड़ प्रमाणीकरण लेनदेन 12 अंकों की डिजिटल आईडी का उपयोग करके पूरा किया गया है. चाहे वह 'जीवन प्रमाण' हो, ई-केवाईसी, सुदूर क्षेत्र तक बैंकिंग के लिए एईपीएस या फिर आधार सक्षम डीबीटी या प्रमाणीकरण, सुशासन के एक डिजिटल बुनियादी ढांचे के रूप में आधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को नई ऊंचाई तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

फेस सर्टिफिकेशन आधारित लेनदेन की संख्या में जबरस्त उछाल

फेस सर्टिफिकेशन आधारित लेनदेन की संख्या सितंबर, 2022 के 4.67 लाख से बढ़कर अक्टूबर, 2022 में 37 लाख से ज्यादा हो गई. फेस सर्टिफिकेशन पेंशननर्स को बैंक या सामान्य सेवा केंद्रों पर गए बिना अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके घर पर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाने की सुविधा प्रदान कर रहा है. इस प्रकार वरिष्ठ नागरिकों को काफी सुविधाएं मिल रही हैं.

अक्टूबर में आधार के जरिए हुए 23.56 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन

इसी तरह, आधार का उपयोग करके केवल अक्टूबर में 23.56 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए. अब अक्टूबर, 2022 तक आधार के जरिए ई-केवाईसी लेनदेन की कुल संख्या 1321.49 करोड़ हो गई है. आधार ई-केवाईसी सेवा, बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए पारदर्शी, बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने और व्यापार को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

आधार होल्डर की पूरी सहमति के बाद ही एक ई-केवाईसी लेनदेन किया जाता है. ये हार्डकॉपी में कागजी प्रक्रिया को समाप्त कर देता है. इसमें केवाईसी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रमाणीकरण की जरूरत होती है. इसी तरह आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) आय पिरामिड के सबसे निचले हिस्से यानी आर्थिक रूप से सबसे कमजोर लोगों के बीच वित्तीय समावेशन को सक्षम बनाती है.

आधार के जरिए 1100 से ज्यादा योजनाओं का लाभ उठा रहे लोग

केवल अक्टूबर में ही पूरे भारत में 23.64 करोड़ एईपीएस आधारित लेनदेन किए गए. ये आंकड़ा सितंबर की तुलना में 12.4 फीसदी ज्यादा है. अक्टूबर, 2022 के अंत तक एईपीएस और माइक्रो-एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से अब तक सुदूर क्षेत्र में 1573.48 करोड़ बैंकिंग लेनदेन संभव हुआ है.

अब तक देश में केंद्र और राज्यों द्वारा संचालित 1100 से अधिक कल्याणकारी योजनाओं को आधार का उपयोग करने को लेकर अधिसूचित किया गया है. डिजिटल आईडी के रूप में आधार, केंद्र और राज्यों में विभिन्न मंत्रालयों व विभागों को लक्षित लाभार्थियों तक कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और वितरण में सुधार करने के लिए सहायता कर रहा है.