हर इनकम टैक्‍स देने वाले उस समय बहुत बुरा लगता है जब उसे अपनी मेहनत की कमाई इनकम टैक्‍स के तौर पर देनी होती है. अगर आप भी इसी श्रेणी में आते हैं इनकम टैक्‍स देने की उसे बचाने की सोचिए. फाइनेंशियल ईयर की समाप्ति यानी मार्च तक का इंतजार मत कीजिए. ज्‍यादातर इनकम टैक्‍स देने वाले लोग अंतिम समय में टैक्‍स बचाने के समय गलत निर्णय ले लेते हैं. सिर्फ इंश्‍योरेंस या पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) ही टैक्‍स बचाने का साधन नहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे विकल्‍पों के बारे में जिनकी मदद से आप अपना इनकम टैक्‍स बचा सकते हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लीव ट्रैवल एलाउंस (LTA)

आपका एंप्‍लॉयर आपको इनकम के पार्ट बी के तहत लीव ट्रैवल एलाउंस उपलब्‍ध कराते हैं. लीव ट्रैवल एलाउंस के तहत आपको एक सीमा तक घरेलू यात्राओं पर हुए खर्च पर आयकर कानून की धारा 10(5) के तहत छूट मिलती है. एक व्‍यक्ति की सैलरी के हिसाब से उसे लीव ट्रैवल एलाउंस की छूट दी जाती है.

ग्रेच्‍युटी 

किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा प्राप्‍त किए गए ग्रेच्‍युटी की राशि पर टैक्‍स में पूरी छूट मिलती है. इसके अलावा जो भी ग्रेच्‍युटी एक्‍ट के अंतर्गत आते हैं, उन्‍हें भी इनमें से जो सबसे कम हो उसकी छूट प्रदान की जाती है. जो लोग ग्रेच्‍युटी एक्‍ट के अंतर्गत नहीं आते हैं उन्‍हें हर साल की 15 दिन की औसत आय, 10 लाख रुपए या प्राप्‍त ग्रेच्‍युटी में से जो भी कम हो उस पर टैक्‍स की छूट मिलती है.

बकाया छुट्टियों की राशि पर छूट

सेक्‍शन 10 के तहत एक सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय उसकी बकाया छुट्टियों के लिए दी जाने वाली राशि पूरी तरह से टैक्‍स फ्री होती है. लेकिन अगर व्‍यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है तो फिर उसे अर्न्‍ड लीव (EL) को औसत मंथली सैलरी से प्राप्‍त राशि, औसत मंथली सैलरी को 10 से गुणा की गई राशि, 3 लाख रुपए या फिर बकाया छुट्टियों के लिए प्राप्‍त राशि में से जो कम होगा उस पर टैक्‍स की छूट मिलेगी.

बच्‍चों की एजुकेशन

एक आयकरदाता को उसके दो बच्‍चों की पढ़ाई पर टैक्‍स से 100% की छूट मिलती है. इसी तरह यदि आपके बच्‍चे होस्‍टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं तो आपको दो बच्‍चों के हिसाब से होस्‍टल फीस पर भी टैक्‍स की छूट प्राप्‍त होती है.