NPS Scheme: रिटायरमेंट के बाद का जीवन आराम और सुकून से गुजारने के लिए जरूरी है कि आपकी रेग्‍युलर इनकम होती रहे. इसके लिए नौकरी के शुरुआती दिनों में ही रिटायरमेंट प्‍लानिंग कर लेनी चाहिए. आज के समय में रिटायरमेंट पर एक बड़े कॉर्पस के साथ-साथ मंथली पेंशन पाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (Nation pension System) एक अच्‍छा ऑप्‍शन है. NPS में भारत का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच है, कुछ जरूरी प्रक्रियाओं के बाद इस स्कीम से जुड़ सकता है. NPS एक लंबी अवधि की कंट्रीब्‍यूटशन बेस्‍ड स्‍कीम है. एनपीएस कैपिटल मार्केट से लिंक्ड होता है. इसलिए रिटायरमेंट कॉपर्स और पेंशन काफी हद तक मार्केट की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है. 

NPS में कैसे बनती है पेंशन  

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NPS में मिनिमम 40 फीसदी एन्‍युटी लेनी जरूरी होती है. दरअसल, एन्युटी आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक कांट्रैक्ट होता है. इस कांट्रैक्ट के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में एन्युटी की रकम जितनी अधिक होगी, पेंशन की रकम उतनी ही ज्‍यादा होगी. एन्युटी के तहत निवेश की गई रकम रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलती है और एनपीएस की शेष राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है.

इसे एक उदाहरण  से समझिए- 

अगर निवेशक की औसत उम्र 21 साल है. इसमें वह 10,000 रुपये मंथली कंट्रीब्‍यूशन करता है. 21 साल की उम्र से अगर एनपीएस से जुड़ते हैं तो इसमें 60 साल की उम्र तक यानी 39 साल तक निवेश करना होगा.

NPS में मंथली निवेश: 10,000 रुपये (1.20 लाख रु सालाना)

39 साल में कुल योगदान: 46.80 लाख रुपये

निवेश पर अनुमानित रिटर्न: 10%

मैच्योरिटी पर कुल कॉर्पस: 5.62 करोड़ रुपये

एन्युटी परचेज: 40%

अनुमानित एन्युटी रेट: 6%

60 की उम्र पर पेंशन: 1,12,458 रुपये महीना

(नोट: यह कैलकुलेशन एपीएस ट्रस्‍ट के कैलुकेटर के आधार पर है. यह एक अनुमानित आंकड़ा है. वास्‍तविक आंकड़े में अंतर हो सकता है.)

 

एनपीएस में अगर आप 40 फीसदी एन्‍युटी लेते हैं और एन्‍युटी रेट 6 फीसदी सालाना है, तो रिटायरमेंट बाद आपको 3.37 करोड़ रुपये एकमुश्‍त मिलेंगे और 2.24 करोड़ एन्‍युटी में चले जाएंगे. अब इसी एन्‍युटी की रकम से आपको हर महीने 1.12 लाख रुपये की पेंशन मिलेगी. एन्‍युटी की रकम जितनी ज्‍यादा रखेंगे आपको पेंशन उतनी ज्‍यादा मिलेगी.

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पेंशन की नहीं होती गारंटी

NPS में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गांरटी नहीं होती है. दरअसल, एनपीएस कैपिटल मार्केट से लिंक्ड होता है. इसलिए इसमें लाभ की गारंटी नहीं होती है. इसमें PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. हालांकि, लॉन्‍ग टर्म में एनपीएस एक वेल्थ क्रिएशन इंस्ट्रूमेंट की तरह काम करता है. इसमें इक्विटी और डेट में निवेश से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद होती है.

NPS: किसे करना चाहिए निवेश 

वेल्‍थ मैनेजमेंट कंपनी Fintoo के सीईओ मनीष पी. हिंगर के मुताबिक, इक्विटी और डेट एक्सपोजर दोनों का बेनेफिट देने की क्षमता के चलते एनपीएस हमेशा रिटायरमेंट सेविंग्‍स के लिए सबसे अच्छे निवेश ऑप्‍शन में से एक रहा है. इन्‍वेस्‍टर को इसमें अपने रिस्‍क प्रोफाइल के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच निवेश रेश्‍यो चुनने का ऑप्‍शन मिलता है. एनपीएस ऐसे लोगों के लिए एक बेस्‍ट इन्‍वेस्‍टमेंट ऑप्‍शन है, जो मिनिमम रिस्‍क के साथ-साथ बेहतर रिटर्न की उम्‍मीद करते हैं. एनपीएस में एक्‍स्‍ट्रा टैक्‍स बेनेफिट का ऑप्‍शन भी निवेशकों को मिलता है.