भारतीय रिजर्व बैंक ने कटे-फटे नोट बदलने के नियमों में बदलाव किया है. केंद्रीय बैंक द्वारा 2,000 रुपये, 200 रुपये और अन्य कम मूल्य की मुद्रा पेश किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. वर्ष 2016 के नवंबर में नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 200 रुपये और 2,000 रुपये के नोट पेश किये. इसके अलावा 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये छोटे नोट पेश किये थे.

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2009 में बदले थे केंद्रीय बैंक ने नियम

रिजर्व बैंक के देश भर में कार्यालयों या मनोनीत बैंक शाखाओं में कटे-फटे नोट बदले जा सकते हैं. नोट की स्थिति पर आधे मूल्य या पूरे मूल्य पर इन्हें बदला जा सकता है. रिजर्व बैंक (नोट वापसी) नियम 2009 में संशोधन करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला में कटे-फटे नोट को बदलने में लोगों को सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया है. नई श्रृंखला के नोट पूर्व की श्रृंखला के मुकाबले छोटे है. ये नियम तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए हैं. रिजर्व बैंक ने कहा, 'साथ ही 50 रुपये और उससे अधिक मूल्य के नोट के मामले में पूर्ण मूल्य के भुगतान के लिए नोट के न्यूनतम क्षेत्र की जरूरत को लेकर भी नियम में बदलाव किए गए हैं....'

2016 में लगी थी नोटबंदी

8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोट अवैध हो गए. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 8 नवंबर 2016 को देश में 500 और 1000 के जो नोट सर्कुलेशन में थे, उनकी कीमत 15 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपये थी. नोटबंदी के बाद बैंकों में 15 लाख 31 हज़ार करोड़ की कीमत के नोट वापस आ चुके हैं 10 हज़ार 720 करोड़ रुपए नहीं लौटे हैं .शुरुआत में ये अनुमान लगाया था कि करीब 3 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकिंग सिस्टम में नहीं लौंटेंगे क्योंकि ये काला धन है.

इनपुट भाषा से