नहीं बदली मोटर इंश्योरेंस की दरें, लेकिन कम हुआ डिस्काउंट
अगर आपसे वाहन चालते समय किसी व्यक्ति को शारीरिक या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो पीड़ित व्यक्ति के पास अधिकार होते हैं और वह आपके थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के माध्यम से नुकसान की भरपाई के लिए दावा कर सकता है.
1 अप्रैल से हर साल थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में बदलाव होता है, लेकिन इस साल इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए की तरफ से मोटर बीमा प्रीमियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन इसका असर नुकसान पर मिलने वाले प्रीमियम पर जरूर हुआ है. कंपनियों ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए ऑनडैमेज प्रीमियम का सहारा लिया है, जिससे इस पर मिलने वाले डिस्काउंट में कटौती की गई है.
फ्यूचर जनरल इंश्योरेंस के अंतरिम CEO श्रीराज देशपांडे ने जी बिजनेस से खास बातचीत में कहा कि बीमा प्रीमियम की दरें नहीं बदली हैं, लेकिन डिस्काउंट कम हो गया है. इसके अलावा थर्ड पार्टी क्लेम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोर्ट के आदेश की वजह से क्लेम के मामले बढ़े हैं, जिसकी वजह से कंपनियों का नुकसान बढ़ा है. इसका सीधा असर ऑन डैमेज प्रीमियम पर दिख रहा है. कंपनियों इसके जरिए नुकसान की भरपाई करने में लगी हैं.
उन्होंने कहा कि नए नियम के बाद 10 फीसदी प्राइवेट व्हीकल प्रीमियम पर असर पड़ा है. साथ ही कमर्शियल व्हीकल पर 20 फीसदी ज्यादा असर पड़ा है. कंपनियों ने नुकसान की भरपाई के लिए ऑन डैमेज प्रीमयम पर डिस्काउंट कम करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसका असर अगले साल ज्यादा होगा.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
मोटर वाहन एक्ट के तहत सभी वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंश करवाना जरूरी होता है. वाहन मालिक पहली पार्टी होता है, बीमा करने वाली कंपनी दूसरी पार्टी कहलाता है. लेकिन वाहन से जिस व्यक्ति को नुकसान होता है और वह अपने नुकसान की भरपाई का दावा करता है, वह तीसरी यानी थर्ड पार्टी कहलाता है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपके वाहन से दूसरे लोग या उनकी संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करती है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपके वाहन के नुकसान या फिर खुद आपके नुकसान की भरपाई नहीं होती है.
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कैसें करें दावा
अगर आपके वाहन से कोई हादसा हो जाता है तो यह इंश्योरेंस काम करता है. हालांकि, थर्ड पार्टी को कितना मिलेगा इसका फैसला मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल (MACT) करेगा. किसी हादसे के समय में सबसे पहले पुलिस को इसकी सूचना देनी है. आपकी गाड़ी है तो इंश्योरेंस कंपनी को भी तुरंत इसकी जानकारी देनी है. थर्ड पार्टी क्लेम के लिए कुछ दस्तावेजों की भी जरूरत होती हैं, जैसे:
1. इंश्योर्ड पर्सन द्वारा हस्ताक्षर किया गया क्लेम फॉर्म.
2. ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पॉलिसी और FIR की कॉपी.
3.वाहन के आरसी की कॉपी.
4.आवश्यक स्टांप यदि कंपनी के पंजीकृत वाहन के मूल दस्तावेज के मामले में
5.कॉमर्शियल वाहन के मामले में परमिट और फिटनेस, जहां लागू होता हो.