सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम में एक पॉपुलर सेविंग स्कीम है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स यानी NSC. फिलहाल इस पर निवेश पर 7.9 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. इस निवेश विकल्प की मेच्योरिटी पांच साल की होता है. इसमें रिटर्न की गारंटी होती है. आप एनएससी में निवेश पर इनकम टैक्स (Income Tax) कटौती का फायदा भी ले सकते हैं. ब्याज दर की बात करें तो दूसरे स्मॉल सेविंग स्कीम में ब्याज दर की हर तिमाही समीक्षा की जाती है लेकिन एनएससी में निवेश के समय ब्याज दर पूरे मेच्योरिटी पीरियड तक के लिए एक ही रहती है. आइए इनसे जुड़ी मुख्य बातों को यहां जानते हैं.

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फिलहाल नए निवेशकों के लिए एनएससी (NSC) पर ब्याज दर 7.9% सालाना है. अगर रिटर्न की बात करें तो 100 रुपये एनएससी में निवेश करने पर पांच साल बाद 146.25 हो जाता है. एनएससी में न्यूनतम निवेश राशि 100 और उसके मल्टीपल में है. इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. बता दें कि हर साल निवेशक को ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है, लेकिन यह जमा हो जाता है. NSCs के पास 5 साल की लॉक-इन पीरियड है.

इनकम टैक्स में छूट

अगर आप एनएससी में निवेश करते हैं तो आप इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत एनएससी में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर टैक्स छूट पा सकते हैं. टैक्सेबल इनकम होने पर कुल आय में से राशि काट ली जाती है. इनकम टैक्स के संदर्भ में NSC पर सालाना अर्जित ब्याज को निवेशक की ओर से पुनर्निवेशित माना जाता है और वह 1.5 लाख की कुल सीमा के भीतर धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के योग्य हो जाता है.

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इस राशि का नहीं होगा फिर से निवेश

अगर आपने एनएससी में निवेश किया है तो मेच्योरिटी के पांचवें साल या अंतिम साल में राशि का दोबार निवेश नहीं किया जा सकता है. फाइनल ईयर में एनएससी से मिले ब्याज की राशि को सर्टिफिकेट होल्डर के आय में जोड़ी जाती है और उसके मुताबिक टैक्स लागू होता है. एनएससी के बेस पर आप लोन ले सकते हैं.