यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) के ऐलान के बाद पेंशन को लेकर टेंशन कम नहीं हुई है. लेकिन, अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं तो NPS है ना. और अगर पहले से NPS लिया हुआ है तो आपकी बुढ़ापे की टेंशन फुर्र तो छोड़ो जवानी में ही आपको जबरदस्त फायदे मिल जाएंगे. एनपीएस (NPS) बहुत शानदार स्कीम है. इसमें पैसे लगाकर काफी अच्छा रिटर्न (Return) मिलता है. अधिकतर लोग यही मानते हैं कि NPS में पैसे लगाकर बुढ़ापे के लिए पेंशन (Pension) की गांरटी हो जाती है. लेकिन, क्या आप जाते हैं कि जवानी के दिनों में भी NPS आपको कई फायदे देता है. ध्यान रहे, यह फायदे बुढ़ापे में पैसों की चिंता को खत्म करने के साथ-साथ अलग से मिलते हैं. आइए जानते हैं NPS से आपको रिटा में होते हैं क्या फायदे.

1- मिलता है ज्यादा टैक्स छूट

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NPS में निवेश किए पैसों पर टैक्स छूट भी मिलती है. यह टैक्स छूट भी मामूली नहीं होती. NPS में निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत टैक्स छूट मिलती है. इसमें भी दो सब-सेक्शन होते हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). इसके अलावा 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन होता है 80CCD(1B). 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. वहीं, 80CCD(2) से इस 2 लाख की मिली छूट के अलावा भी इनकम टैक्स में और छूट ले सकते हैं.

एम्प्लॉयर की तरफ से फायदा

एम्प्लॉयर की तरफ से आपके NPS में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके तहत आप अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी तक NPS में निवेश करवा सकते हैं और उस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी. वहीं, अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो यह आंकड़ा आपके लिए 14 फीसदी तक हो सकता है. ज्यादातर कंपनियां NPS की सुविधा देती हैं. कंपनी के HR के जरिए आप NPS में निवेश कर सकते हैं. आप अतिरिक्त टैक्स छूट ले सकेंगे.

2- फिजूल खर्च नहीं होगा

बुढ़ापे में एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए जवानी में ही निवेश करना जरूरी है. वैसे तो निवेश के लिए कई स्कीम और टूल हैं, लेकिन NPS का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें जमा पैसा आप रिटायरमेंट के बाद ही निकाल सकते हैं. मतलब बाकी स्कीम की तरह इसका लॉक-इन पीरियड 5 साल या 15 साल नहीं है, बल्कि 60 की उम्र तक है. इस तरह युवाओं का निवेश बुढ़ापे के लिए सुरक्षित रहता है. अगर कम लॉकइन होगा, तो कई बार लोग उन पैसों का इस्तेमाल गाड़ी-घर खरीदने या फिर किसी मेडिकल इमरजेंसी में कर लेते हैं, जिससे बुढ़ापे की टेंशन बढ़ जाती है.

3- जितना रिस्क उतना रिटर्न

तमाम इन्वेस्टमेंट स्कीम में आपको फिक्स रिटर्न मिलता है या फिर ऐसा रिटर्न मिलता है, जिस पर आपका कंट्रोल नहीं रहता. अगर आप NPS में पैसे लगाते हैं तो आप खुद से तय कर सकते हैं कि आपको कितने पैसे शेयर बाजार में लगाने हैं और कितने पैसे फिक्स रिटर्न वाले टूल्स में. जवानी में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता होती है. ऐसे में ज्यादा रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं, जिससे आपको आने वाले दिनों में बड़ा कॉर्पस जमा करने में मदद मिलेगी. उम्र बढ़ने के साथ-साथ जब आपको लगे कि कम रिस्क लेना है तो NPS में उसी हिसाब से इन्वेस्टमेंट में बदलाव कर लें, जिससे आपको फायदा होगा.