Mutual Funds: कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न देता है ये फंड, छोटी अवधि के लिए करना है निवेश तो जान लें इसके बारे में
अगर आप छोटी अवधि यानी अधिकतम तीन साल तक के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं. लेकिन ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते हैं और अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो डेट फंड अच्छा विकल्प हो सकते हैं. जानिए ये होता क्या है और इसके क्या फायदे हैं-
आमतौर पर लोग स्टॉक मार्केट में सीधेतौर पर पैसा निवेश करने से बचते हैं क्योंकि ये बहुत जोखिमभरा माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंड्स में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है. डायरेक्ट मार्केट में पैसा लगाने की तुलना में म्यूचुअल फंड को थोड़ा कम रिस्क वाला माना जाता है. म्यूचुअल फंड में भी डेट फंड, इक्विटी फंड और हाइब्रिड फंड वगैरह कई तरह के फंड्स होते हैं. आमतौर पर लंबे समय के लिए निवेश करना है तो इक्विटी फंड में इन्वेस्ट करने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि लॉन्ग टर्म में इक्विटी से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है.
लेकिन अगर आप छोटी अवधि यानी अधिकतम तीन साल तक के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं. लेकिन ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते हैं और अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट डेट फंड (Debt Funds) में निवेश करने की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में डेट फंड को सुरक्षित विकल्प माना जाता है. आइए आपको बताते हैं डेट फंड के बारे मे-
जानिए क्या होता है डेट फंड
डेट फंड्स में निवेशकों से लिया गया पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में लगाया जाता है जैसे बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि. यानी डेट फंड का पैसा सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. डेट फंड को इक्विटी के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है यानी जब चाहें आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है.
एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न
छोटी अवधि के लिए निवेश का एक ऑप्शन एफडी भी है. एफडी को भी सिक्योर इन्वेस्टमेंट ऑप्शन माना जाता है. लेकिन अगर आप मुनाफे की नजर से देखें तो डेट फंड्स आपको एफडी के मुकाबले थोड़ा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. आमतौर पर 1 साल से 3 साल की एफडी पर आपको 6 प्रतिशत से 7.5 फीसदी तक का ब्याज मिलता है. लेकिन डेट फंड का रिटर्न 9 फीसदी के आसपास माना जाता है. हालांकि डेट फंड में निवेशक को इक्विटी जैसे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
टैक्स के नियम
टैक्स की बात करें तो Debt Funds से मुनाफे पर टैक्स का प्रावधान है. 3 साल के पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने से हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ता है. गेन्स पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा. वहीं एफडी की बात करें तो 5 साल की एफडी टैक्स फ्री होती है. इससे कम समय की एफडी पर आपको इनकम टैक्स देना पड़ता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले स्वयं पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)