निवेश के लिहाज से म्‍यूचुअल फंड को काफी अच्‍छी स्‍कीम माना जाता है. समय के साथ ये स्‍कीम काफी लोकप्रिय हो गई है. मार्केट लिंक्‍ड होने के बावजूद इस स्‍कीम में लॉन्‍ग टर्म में अच्‍छा खासा रिटर्न मिल जाता है. एक्‍सपर्ट इसका औसत रिटर्न 12 फीसदी मानते हैं. इसके अलावा म्‍यूचुअल फंड्स में फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है. कोई व्‍यक्ति इस स्‍कीम में 500 रुपए से भी निवेश शुरू कर सकता है और समय के साथ निवेश की जाने वाली राशि को बढ़ा भी सकता है और अगर किसी तरह की फाइनेंशियल प्रॉब्‍लम है, तो बीच में कुछ समय के लिए इसे Pause भी कर सकता है. 

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इन सब फीचर्स और बेहतर रिटर्न को देखते हुए इस स्‍कीम को काफी पसंद किया जाता है. लेकिन अगर किसी की उम्र 18 साल से कम है और वो एसआईपी में निवेश करना चाहता है, तो क्‍या वो ऐसा कर सकता है? आइए आपको बताते हैं कि एसआईपी में माइनर को लेकर क्‍या नियम हैं.

माइनर के लिए ये हैं नियम

एसआईपी में निवेश की उम्र और निवेश की राशि को लेकर कोई सीमा नहीं है. इसमें आप जितनी जल्‍दी निवेश करेंगे, उतनी जल्‍दी बेहतर बेनिफिट ले पाएंगे. लेकिन 18 साल से कम उम्र के माइनर के लिए निवेश उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा किया जा सकता है. लेकिन ऐसे मामलों में बच्‍चा ही इकलौता होल्‍डर होगा, जॉइंट होल्‍डर की इजाजत नहीं होगी.

इन दस्‍तावेजों की पड़ेगी जरूरत

नाबालिग के मामले में निवेश करते समय आपको बच्चे की उम्र और बच्चे के साथ आपके रिश्ते के सबूत देने होते हैं. इसके लिए नाबालिग की जन्मतिथि और अभिभावक (प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक) के रिश्ते के साक्ष्य के तौर पर बच्‍चे का बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या ऐसा कोई वैलिड डॉक्‍यूमेंट देना होगा, जिसमें नाबालिग की उम्र और अभिभावक के साथ उसके रिश्‍ते की जानकारी दर्ज हो. वहीं गार्जियन के लिए नो योर कस्टमर से जुड़े रेगुलेशंस का पालन करना जरूरी है.  ट्रांजैक्‍शंस सीधे बच्‍चे के अकाउंट से किए जा सकते हैं, लेकिन अगर पैरेंट्स के बैंक अकाउंट के जरिए किया जाना हो तो आपको थर्ड पार्टी डिक्लरेशन फॉर्म भी जमा करना होगा.

18 वर्ष का होने पर

ये सारे नियम बच्‍चे के नाबालिग होने तक ही मान्‍य होंगे. बच्‍चे के 18 साल का होते ही पैरेंट्स को एसआईपी पर रोक लगानी होगी. नाबालिग के 18 वर्ष का होने से पहले, यूनिट होल्‍डर को उनके पंजीकृत पत्राचार पते पर एक नोटिस भेजा जाएगा. इस नोटिस में नाबालिग को निवेश में अपनी स्थिति को 'माइनर' से 'मेजर' में बदलने के लिए निर्धारित दस्तावेजों के साथ एक आवेदन पत्र जमा करने की जरूरत के बारे में बताया जाएगा.