Mutual Funds SIP: आजकल निवेश के तमाम ऑप्‍शंस के बीच म्‍यूचुअल फंड्स एसआईपी की चर्चा बहुत ज्‍यादा है. ज्‍यादातर लोग अपने पोर्टफोलियो में एसआईपी को जरूर शामिल करते हैं. इसका कारण है कि एसआईपी के जरिए लंबे समय में बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है. एक्‍सपर्ट्स मानते हैं कि लॉन्‍ग टर्म की एसआईपी में औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है, जो कि किसी भी अन्‍य स्‍कीम के मुकाबले काफी अच्‍छा है. लेकिन एसआईपी को कितनी उम्र पर शुरू किया जा सकता है, क्‍या 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे एसआईपी में इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं? अगर आपके मन में भी हैं ऐसे कुछ सवाल तो यहां जान लीजिए जवाब.

जानिए माइनर के लिए क्‍या है नियम

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एसआईपी में निवेश की उम्र और निवेश की राशि को लेकर कोई सीमा नहीं है. इसमें आप जितनी जल्‍दी निवेश करेंगे, उतनी जल्‍दी बेहतर बेनिफिट ले पाएंगे. 18 साल से कम उम्र के माइनर के लिए निवेश उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा किया जा सकता है. लेकिन ऐसे मामलों में बच्‍चा ही इकलौता होल्‍डर होगा, जॉइंट होल्‍डर की इजाजत नहीं होगी.

इन दस्‍तावेजों की पड़ेगी जरूरत

नाबालिग के मामले में निवेश करते समय आपको बच्चे की उम्र और बच्चे के साथ आपके रिश्ते के सबूत देने होते हैं. इसके लिए नाबालिग की जन्मतिथि और अभिभावक (प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक) के रिश्ते के साक्ष्य के तौर पर बच्‍चे का बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या ऐसा कोई वैलिड डॉक्‍यूमेंट देना होगा, जिसमें नाबालिग की उम्र और अभिभावक के साथ उसके रिश्‍ते की जानकारी दर्ज हो. वहीं गार्जियन के लिए नो योर कस्टमर से जुड़े रेगुलेशंस का पालन करना जरूरी है.  ट्रांजैक्‍शंस सीधे बच्‍चे के अकाउंट से किए जा सकते हैं, लेकिन अगर पैरेंट्स के बैंक अकाउंट के जरिए किया जाना हो तो आपको थर्ड पार्टी डिक्लरेशन फॉर्म भी जमा करना होगा.

18 वर्ष का होने पर

ये सारे नियम बच्‍चे के नाबालिग होने तक ही मान्‍य होंगे. बच्‍चे के 18 साल का होते ही पैरेंट्स को एसआईपी पर रोक लगानी होगी. नाबालिग के 18 वर्ष का होने से पहले, यूनिट होल्‍डर को उनके पंजीकृत पत्राचार पते पर एक नोटिस भेजा जाएगा. इस नोटिस में नाबालिग को निवेश में अपनी स्थिति को 'माइनर' से 'मेजर' में बदलने के लिए निर्धारित दस्तावेजों के साथ एक आवेदन पत्र जमा करने की जरूरत के बारे में बताया जाएगा.