म्यूचुअल फंड में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रही है. चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में म्यूचुअल फंड उद्योग ने करीब 77 लाख नए फोलियो (खाते) जोड़े हैं. इसी के साथ अक्टूबर अंत में कुल फोलियो की संख्या बढ़कर करीब आठ करोड़ पहुंच गई है. यह अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर है. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में 1.6 करोड़ फोलियो, 2016-17 में 67 लाख से अधिक और 2015-16 में 59 लाख फोलियो जोड़े गये थे. बता दें कि फोलियो व्यक्तिगत निवेशक को दिया जाना वाला खाता नंबर है. हालांकि एक निवेशक के पास एक से ज्यादा फोलियो भी हो सकते हैं.

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76.84 लाख की हुई बढ़ोतरी

म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी के मुताबिक इस साल अक्टूबर के अंत तक 41 सक्रिय म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास रिकॉर्ड 7,90,31,596 फोलियो हैं. मार्च, 2018 के अंत में फोलियो की संख्या 7,13,47,301 थी. इस दौरान 76.84 लाख की वृद्धि हुई है. पिछले कुछ सालों में, खुदरा निवेशकों खासकर छोटे शहरों और इक्विटी योजनाओं में भारी प्रवाह से फोलियो की संख्या में वृद्धि हुई. 

ईएलएसएस में 66 लाख फोलियो बढ़े

इक्विटी और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस) में फोलियो की संख्या 66 लाख बढ़कर 6 करोड़ हो गई. इसके अलावा बैलेंस्ड श्रेणी में फोलियो 4.4 लाख बढ़कर 63 लाख हो गए. इनकम फंड में फोलियो की संख्या 5.6 लाख बढ़कर 1.13 करोड़ हो गई. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्तूबर के दौरान म्यूचुअल फंड में 81,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जबकि इक्विटी योजनाओं ने अकेले 75,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया.

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से धन जुटाती हैं. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसके बदले वे निवेशकों से शुल्क लेती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव कर सकते हैं.

(इनपुट एजेंसी से)