Mutual Funds Investment Risk Factors: आज के समय में भी तमाम लोग ऐसे हैं जो मार्केट में सीधेतौर पर इसलिए निवेश नहीं करते क्‍योंकि बाजार में जोखिम बहुत ज्‍यादा होता है. आपका पैसा शेयर मार्केट में जितनी तेजी से बढ़ता है, उतनी ही तेजी से घटने का भी रिस्‍क होता है. ऐसे लोगों के लिए म्‍यूचुअल फंड्स एक बेहतर विकल्‍प है. म्‍यूचुअल फंड्स में सीधेतौर पर शेयर मार्केट में निवेश करने के मुकाबले रिस्‍क कम होता है. लेकिन ये मार्केट लिंक्‍ड स्‍कीम है, इसलिए इसे पूरी तरह जोखिम से मुक्‍त नहीं कहा जा सकता. इसलिए अगर आप SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करने जा रहे हैं, तो इससे जुड़ी कुछ बातों को अच्‍छे से समझ लें, ताकि बाद में आपके पास पछतावे की गुंजाइश न रहे.

स्‍टॉक की तुलना में कम जोखिम क्‍यों?

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मार्केट की अनिश्चितता की स्थिति में भी म्यूचुअल फंड में जोखिम कम माना जाता है. इसका बड़ा कारण है कि म्‍यूचुअल फंड का पैसा Fund Manager के अनुभव के आधार पर निवेश किया जाता है. इससे बेहतर रिटर्न का चान्‍स बढ़ जाता है और सीधे स्‍टॉक में निवेश करने के मुकाबले रिस्‍क काफी कम हो जाता है. लेकिन ये जोखिम पूरी तरह खत्‍म नहीं होता.

फंड्स का चुनाव बहुत महत्‍वपूर्ण

म्‍यूचुअल फंड्स का सबसे बड़ा रिस्क खुद शेयर बाजार ही है. हालांकि इसमें जोखिम इस पर निर्भर करता है कि आपका पैसा किस तरह के फंड में इन्‍वेस्‍ट किया गया है. लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगाने पर जोखिम कम हो सकता है, लेकिन अच्‍छे रिटर्न की संभावना के साथ स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगा रहे हैं, तो ये ध्‍यान रहे कि मार्केट की गिरावट में इसमें नुकसान की संभावना बढ़ जाती है.

औसत रिटर्न को बेहतर बनाने के लिए करें ये काम

म्‍यूचुअल फंड्स में कई तरह की स्‍कीम्‍स होती हैं. कौन सी स्‍कीम से आपको अच्‍छा मुनाफा मिल सकता है, इसके लिए किसी एक्‍सपर्ट की सलाह बहुत जरूरी है क्‍योंकि जिस स्‍कीम में आप निवेश करने जा रहे हैं, अगर वो स्कीम पहले से काफी अच्‍छे रिटर्न दे रही हो तो उस पर तेजी से बढ़ रही महंगाई का खास असर नहीं होगा और आप फायदे में रहेंगे, लेकिन जिस स्‍कीम में आपने निवेश किया है, उसमें रिटर्न कम है तो महंगाई की वजह से उनका वास्तविक मूल्य कम हो जाता है. ऐसे में आप बहुत मुनाफे में नहीं रहते. यही वजह है एक्‍सपर्ट्स अलग-अलग जोखिम और रिटर्न के आधार पर अलग अलग स्कीम में निवेश करने की सलाह देते हैं. ताकि आपका औसत रिटर्न अच्‍छा रहे.

ब्‍याज दरों में बदलाव भी बड़ा जोखिम

डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए ब्याज दरों में बदलाव भी एक बड़ा जोखिम है. इसमें बेहतर रिटर्न पाने के लिए आपको स्कीम के चुनाव के लिए दरों में बढ़ोतरी या कटौती के साथ कई अन्य बातों को भी देखना होता है. एक्‍सपर्ट्स मानते हैं कि डेट फंड तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब ब्याज दरें गिरती हैं. 

ऐसे चुनें बेस्‍ट म्‍यूचुअल फंड्स

बेस्‍ट म्‍यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्‍ट बनाएं और उनकी तुलना करें. आप किस लक्ष्‍य के लिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं, ये ध्‍यान में रखते हुए ये चेक करें कि आपकी जरूरतों को कौन पूरा कर रहा है. उनकी हिस्‍ट्री, एक्‍सपेंस रेश्‍यो, फंड मैनेजर हिस्‍ट्री आदि की तुलना करें. इससे आपको अपनी जरूरत के हिसाब से बेस्‍ट SIP का चुनाव करने में काफी मदद मिलेगी.

फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श लें

अगर आपको म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने का जरा भी आइडिया नहीं है, या ऊपर बताए सारे निर्देशों को फॉलो करने के बाद भी आप कोई डिसीजन नहीं ले पा रहे हैं, तो आप फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट से बात करें. वो आपको आपकी जरूरत के हिसाब से बेस्‍ट एसआईपी का चुनाव करने में मदद करेंगे. अगर आप अपने लिए सही एसआईपी का चुनाव करेंगे तो आपको रिटर्न बेहतर मिलेगा और कभी पछतावा नहीं होगा.