2 से 3 साल के लिए अगर पैसे को कहीं निवेश करना हो तो अक्‍सर लोग FD का ऑप्‍शन चुनते हैं क्‍योंकि फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में गारंटीड रिटर्न मिलता है और वो जब चाहें तब एफडी को तुड़वाकर अपने पास पैसों का इंतजाम कर सकते हैं. लेकिन अगर आप थोड़ा रिस्‍क ले सकते हैं तो FD की बजाय म्‍यूचुअल फंड्स में डेट फंड (Debt Fund) में इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं. 2 से 3 साल की छोटी अवधि में आपको इस स्‍कीम में एफडी से बेहतर मुनाफा मिल सकता है. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में-

क्‍या होता है डेट फंड

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डेट फंड्स में निवेशकों से लिया गया पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्‍योरिटी में लगाया जाता है जैसे बॉन्‍ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि. यानी डेट फंड का पैसा सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. इसलिए इसे Low Risk वाला फंड माना जाता है. डेट फंड को इक्विटी के मुकाबले ज्‍यादा सुरक्षित माना जाता है. इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है यानी जब चाहें आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. 

एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न

अगर आप मुनाफे की नजर से देखें तो डेट फंड्स आपको एफडी के मुकाबले थोड़ा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. आमतौर पर 1 साल से 3 साल की एफडी पर आपको 6 प्रतिशत से 7 या 7.5 फीसदी तक का ब्‍याज मिलता है. लेकिन डेट फंड का रिटर्न 9 फीसदी के आसपास माना जाता है.ऐसे में आप डेट फंड में पैसा लगाकर ज्‍यादा मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि डेट फंड में निवेशक को इक्विटी जैसे ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. 

FD और Debt Funds पर टैक्‍स के नियम 

टैक्‍स की बात करें तो Debt Funds से मुनाफे पर टैक्स का प्रावधान है. डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है. वहीं, 3 साल पहले निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG) लगता है. गेन्स पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा. वहीं एफडी की बात करें तो 5 साल की एफडी टैक्‍स फ्री होती है. इससे कम समय की एफडी पर आपको इनकम टैक्‍स देना पड़ता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले स्‍वयं पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)