Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2023 में शानदार प्रदर्शन के बाद 2024 में अपनी बढ़ोतरी की गति को बनाए रखा और संपत्ति में 17 लाख करोड़ रुपये की प्रभावशाली बढ़ोतरी दर्ज की. यह तेजी से बढ़ते शेयर बाजारों, मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से प्रेरित रहा. विशेषज्ञों का अनुमान है कि पॉजिटिव ट्रेंड 2025 में भी जारी रहेगा.

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के निदेशक-प्रबंधक अनुसंधान कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, 2025 में म्यूचुअल फंड उद्योग (Mutual Fund Industry) की परिसंपत्तियों में हेल्दी ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है. खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती पहुंच के साथ, इक्विटी फंड में प्रवाह, विशेष रूप से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से मजबूत रहने की संभावना है.

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FY24 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो

म्यूचुअल फंड उद्योग संघ (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का पर्याप्त नेट इनफ्लो देखा गया, साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई. एसआईपी (SIP) की लोकप्रियता बढ़ी जिसने अकेले 2.4 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया. इस निवेश से उद्योग की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जो 2023 के अंत में दर्ज 50.78 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 33% की ग्रोथ को दर्शाता है.

हाई रिटर्न की तलाश में निवेशक

बजाज फिनसर्व एएमसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) गणेश मोहन ने कहा,  वित्तीयकरण की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में भागीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार और खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता से समर्थित है, जो कम लागत और अधिक सुविधा के साथ उच्च ‘रिटर्न’ की तलाश में हैं.

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इस उद्योग की 45 कंपनियों में 2024 (नवंबर तक) में कुल 9.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ था. यह भारी निवेश इक्विटी फंड (Equity Fund), आर्बिट्रेज फंड (Arbitage Fund) और इंडेक्स फंड (Index Fund) और इक्विटी ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेशकों की निरंतर रुचि के दम पर मुमकिन हो पाया. 

गोल्ड में 9,500 करोड़ रुपये का निवेश

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) अखिल चतुर्वेदी ने कहा,  बचत के तरीके में संरचनात्मक बदलाव से इक्विटी फंडों में एसआईपी (SIP) के माध्यम से निवेश प्रमुख भारतीय निवेशकों के लिए निवेश का स्वाभाविक स्वरूप बन गया है. वहीं आर्थिक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और टैक्सेशन मानदंडों में बदलाव के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षा की तलाश में सोने (Gold) में निवेश में भी तेजी आई और 9,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ.