भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में बीते एक दशक में मजबूत वृद्धि देखी गई है. यह नवंबर 2014 के 10.9 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले नवंबर 2024 में 524 फीसदी बढ़कर 68.08 लाख करोड़ रुपए हो गई है. इस अवधि के दौरान देश में ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों की SIP खातों में हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी हो गई है और बी-30 शहरों में AUM वृद्धि शीर्ष-30 शहरों से आगे निकल गई.

म्यूचुअल  फंड्स का AUM 17 लाख करोड़ रुपए बढ़ा

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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सभी एमएफ योजनाओं के AUM में 17 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है. पिछले चार वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के AUM में 37 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है. 2023 में AUM में 11 लाख करोड़ रुपए, 2022 में 2.65 लाख करोड़ रुपए और 2021 में करीब 7 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई थी. इसके अलावा, नवंबर 2024 के अंत में फोलियो की संख्या 22.02 करोड़ थी.

10 सालों में डीमैट अकाउंट्स में करीब 7 गुना उछाल

पिछले 10 वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में भी उछाल आया है. अगस्त 2024 तक 17.10 करोड़ से अधिक डीमैट खाते खोले जा चुके थे. वित्त वर्ष 2014 में यह 2.3 करोड़ था. इस अवधि के दौरान डीमैट खातों की संख्या में 650 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. 2021 से औसतन हर साल 3 करोड़ नए डीमैट खाते खोले गए हैं.

2021 से हर साल 3 करोड़ डीमैट खुल रहे हैं

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, "भारत में 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ नए डीमैट खाते खोले जा रहे हैं और लगभग हर चार में से एक अब महिला निवेशक है, जो बचत के वित्तीयकरण के चैनल के रूप में पूंजी बाजार का उपयोग करने के बढ़ते प्रचलन को दर्शाता है." एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, "इस साल नए डीमैट खातों की संख्या 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है." उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों को छोड़कर, वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में महिलाओं की भागीदारी राष्ट्रीय औसत से अधिक बढ़ी है.

फंडिंग में भी 10 गुना उछाल आया है

पिछले 10 वर्षों में पूंजी बाजारों से भारतीय कंपनियों द्वारा जुटाए गए फंड में 10 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2014 में 12,068 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 (अक्टूबर तक) में 1.21 लाख करोड़ रुपए हो गई है. वित्त वर्ष 2025 (अक्टूबर तक) में 302 इश्यू के जरिए इक्विटी बाजारों से कुल 1.21 लाख करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई गई है.

NSE का मार्केट कैप 10 साल में 6 गुना बढ़ा

NSE बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 2014 की तुलना में वित्त वर्ष 2025 (अब तक) में 6 गुना से अधिक बढ़कर 441 लाख करोड़ रुपए हो गया है.  एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया कि इक्विटी कैश सेगमेंट में औसत ट्रेड साइज वित्त वर्ष 2014 के 19,460 रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में (अब तक) 30,742 रुपए हो गया है.