म्यूचुअल फंड्स में जमकर पैसा लगा रही हैं भारतीय महिला, 2024 में ढाई गुना हुई बढ़ोतरी, छोटे कस्बे सबसे आगे
Mutual Funds Industries, Women Investors: शेयर बाजार में उछाल के बीच भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री में महिला निवेशकों की जमकर भागीदारी बड़ी है. टियर 4 शहरों में एमएफ बाजार में महिलाओं की भागीदारी में 140 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई.
Mutual Funds Industries, Women Investors: भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री में महिला निवेशकों (खासकर छोटे शहरों और कस्बों से) ने शेयर बाजार में उछाल के बीच सालाना आधार पर औसतन 2.5 गुना से अधिक की वृद्धि की है. शनिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. ऑनलाइन ब्रोकरेज ग्रो द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, शहरी और उभरते क्षेत्रों में महिलाओं का फाइनेंशियल इंक्लूशन बढ़ रहा है और टियर 4 शहरों में एमएफ बाजार में महिलाओं की भागीदारी में 140 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई.
100 फीसदी से अधिक की वृद्धि
ग्रो के सह-संस्थापक और सीईओ ललित केशरे ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, "हालांकि 2024 में सभी क्षेत्रों में हमारी वृद्धि आश्चर्यजनक रही, लेकिन दो क्षेत्र सबसे अलग रहे. महिला निवेशकों की संख्या में वृद्धि - इस वर्ष संख्या दोगुनी हो गई है और 1 करोड़ से बड़े साइज वाले पोर्टफोलियो की संख्या इस वर्ष तीन गुना हो गई है." मेट्रो, टियर 1, 2 और 3 शहरों में म्यूचुअल फंड में महिलाओं की भागीदारी में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई.
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में सबसे ज्यादा निवेश
महिला म्यूचुअल फंड निवेशकों की सबसे अधिक संख्या वाले शहरों में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता (मेट्रो) और पुणे, लखनऊ, नागपुर, अहमदाबाद और जयपुर (गैर-मेट्रो) शामिल हैं. आंकड़ों से पता चलता है, "महिलाओं का एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) योगदान पुरुषों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है और पिछले साल पांच एसआईपी निवेशकों में से एक की तुलना में अब महिला एसआईपी निवेशक चार में से एक हैं."
मंथली औसत टिकट साइज 2500 रुपए, 50 फीसदी की उम्र 30 साल से कम
मंथली एसआईपी योगदान की बात जब आती है तो औसत टिकट का साइज 2,500 रुपये है. महिला एसआईपी निवेशकों में से 50 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु की हैं, इसके बाद 33 प्रतिशत 30-40 वर्ष की आयु वर्ग में हैं और 17 प्रतिशत 40 वर्ष और उससे अधिक आयु की हैं. इस बीच, भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2024 में जबरदस्त उछाल देखा. सभी एमएफ योजनाओं की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) में इस साल 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई.
नवंबर अंत तक AUM 68 लाख करोड़ रुपए
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 के अंत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 68 लाख करोड़ रुपये था, जो दिसंबर 2023 के 50.78 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से 17.22 लाख करोड़ रुपये या 33 फीसदी अधिक है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में रिकॉर्ड 42,76,207 निवेशक भारतीय शेयर बाजार में शामिल हुए. SBI रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2021 से हर साल कम से कम 30 मिलियन नए डीमैट खाते खोले जा रहे हैं.