Small cap funds: म्‍यूचुअल फंड्स में निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है. जनवरी 2023 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) में 12,546 करोड़ रुपये का निवेश आया. लगातार 23वें महीने इनफ्लो बना रहा. रिटेल निवेशकों में म्‍यूचुअल फंड्स को लेकर जबरदस्‍त क्रेज है. इसका अंदाजा SIP इनफ्लो से लगा सकते हैं. जनवरी में 13,856.18 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड SIP निवेश आया.  पिछले महीने इक्विटी फंड्स में सबसे ज्‍यादा 2,256 करोड़ का निवेश स्‍मालकैप फंड्स में देखा गया. ऐसे में यह सवाल है कि स्‍माल कैप फंड्स को काफी वॉलेटाइल माना जाता है, इसके बावजूद इसमें निवेशक क्‍यों ताबड़तोड़ पैसा लगा रहे हैं और क्‍या इन फंड्स में पैसा लगाने का यह सही समय है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि इकोनॉमिक मोमेंटम में रिकवरी, अच्‍छी ग्रोथ की संभावना और दमदार कॉरपोरेट अर्निंग्‍स जैसी कुछ ट्रिगर स्‍मालकैप फंड्स के लिए गेमचेंजर साबित हुए हैं.

Small cap funds: क्‍यों हो रहा निवेश 

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अजीत गोस्‍वामी, IDBI AMC के हेड (प्रोडक्‍ट एंड मार्केटिंग) का कहना है, AMFI का आंकड़ा देखें तो जनवरी 2023 में इक्विटी फंड्स में कुल इनफ्लो का करीब 18 फीसदी स्‍माल कैप स्‍कीम्‍स में हुआ है. स्‍माल कैप फंड्स को लेकर निवेशकों में बढ़ते रुझान की कई वजहें हैं. इकोनॉमिक मोमेंट में रिकवरी, ऊंची ग्रोथ की संभावना, मजबूत कॉरपोरेट अर्निंग्‍स, सस्‍ती दरों में कैपिटल की उपलब्‍धता और मार्केट में करेक्‍शन के चलते अच्‍छी वैल्‍युएशन जैसी कुछ अहम वजहों के चलते स्‍माल कैप फंड्स निवेशकों के लिए आकर्षक बने हुए हैं. इसके अलावा, भारतीय निवेशकों में स्‍माल कैप फंड्स को लेकर जागरूकता और जानकारी बढ़ी है. 

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है, स्‍माल कैप फंड्स में बढ़ते आकर्षक की एक अहम वजह ये हैं कि जो भी निवेशक लॉन्‍ग टर्म खासकर 5 साल से ज्‍यादा समय के लिए पैसा लगा रहा है, तो उसके लिए स्‍माल कैप अच्‍छा है. हालांकि, शॉर्ट टर्म में ये फंड्स वॉलेटाइल रह सकते हैं. क्‍योंकि अभी इंडिया की ग्रोथ स्‍टोरी चल रही है, इसमें कई सारे स्‍टार्टअप्‍स को प्रमोट किया जा रहा है. स्‍टार्टअप आगे बढ़कर मिडकैप बनेंगे, ऐसे में इनमें आगे अच्‍छा रिटर्न देने की संभावना है. इसके अलावा, ग्‍लोबल बाजार में अनिश्चितता के चलते आए करेक्‍शन में स्‍माल कैप फंड्स अच्‍छी वैल्‍युएशन पर मिल रहे हैं.

Small cap funds: पैसा लगाने का है सही समय 

एके निगम का कहना है, अभी के समय में स्‍माल कैप फंड्स अच्‍छी वैल्‍युएशन पर मिल सकते हैं. निवेश का लक्ष्‍य 5 साल से ज्‍यादा है, तो स्‍माल कैप फंड्स के साथ जा सकते हैं. संभव है कि शॉर्ट टर्म में अच्‍छा रिटर्न मिल जाए, लेकिन अगर सिस्‍टम को फॉलो करें, तो लॉन्‍ग टर्म का नजरिया ही बेहतर है. अगर आगे गिरावट आती है, तो इन फंड्स में खरीदारी करनी है. इसके लिए सबसे अच्‍छा तरीका SIP या STP है. 

उनका कहना है, पोर्टफोलियो में कितना स्‍माल कैप फंड्स रखना है, इसका फैसला जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर करना चाहिए. अगर आप कन्‍जर्वेटिव इन्‍वेस्‍टर हैं, तो आपके पोर्टफोलियो में 5-10 फीसदी से ज्‍यादा स्‍माल कैप फंड्स नहीं होने चाहिए. आपको एसेट एलोकेशन के नियम को सख्‍ती से पालन करना है. रिस्‍क प्रोफाइल के आधार पर स्‍माल कैप में मैक्सिमम 25 फीसदी से ज्‍यादा एक्‍सपोजर नहीं लेना चाहिए. 

अजीत गोस्‍वामी का कहना है, स्‍माल कैप फंड्स में निवेश का फैसला निवेश के लक्ष्‍य, रिस्‍क क्षमता और फाइनेंशियल स्थिति को देखकर लेना चाहिए. लार्ज कैप फंड्स के मुकाबले स्‍माल कैप फंड्स में ज्‍यादा रिटर्न देने की क्षमता रहती है, लेकिन जोखिम भी उसी तरह ज्‍यादा होता है. दरअसल, स्‍माल कैप कंपनियां पूरी तरह स्‍टेबल नहीं होती हैं और उनकी परफॉर्मेंस ज्‍यादा वॉलेटाइल रह सकती है. इसलिए इन फंड्स में निवेश का फैसला करने से पहले संभावित बेनेफिट और रिस्‍क का आकलन जरूर कर लेना चाहिए. 

उनका कहना है कि 2022 में फंड्स की परफॉर्मेंस देखें, तो लार्ज कैप के मुकाबले यह अंडरपरफॉर्म रहे हैं. इसके चलते अभी स्‍माल कैप की वैल्‍युएशन अच्‍छी नजर आ रही है. इसलिए एक निवेशक के रूप में, एक मजबूत बैलेंस शीट और कमाई की क्षमता के साथ क्‍वालिट वाले स्मॉल-कैप शेयरों वाली स्मॉल कैप स्‍कीम्‍स के लिए एक्सपोजर ले सकता है. 

उनका कहना है, कई फंडामेंटल्‍स को देखते हुए कीमत में और तेज गिरावट सीमित रह सकती है. इसके अलावा, यह ध्यान रखना चाहिए स्मॉल कैप फंड्स का बीते सालों में प्रदर्शन अच्‍छा हो सकता है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे भविष्य में भी बेहतर करेंगे.

SIP अकाउंट 6.21 करोड़ हुए 

एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2023 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) में 12,546 करोड़ रुपये का निवेश आया. इससे पहले दिसंबर 2022 में इक्विटी फंड्स में 7,303 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था.

स्‍मालकैप और मल्‍टीकैप फंड्स में जबरदस्‍त निवेश देखने को मिला. इसके अलावा, पिछले महीने SIP के जरिए रिकॉर्ड 13,856.18 करोड़ रुपये का निवेश आया. दिसंबर में SIP इनफ्लो 13,573.08 करोड़ रुपये था. SIP अकाउंट्स की संख्‍या बढ़कर 6.21 करोड़ हो गई है. म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री का इस साल जनवरी में कुल इनफ्लो 11,737 करोड़ रहा. वहीं, इंडस्‍ट्री का टोटल असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 39.60 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया. 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)