Mutual Fund SIP: शेयर बाजार की उठापटक एक ओर और रिटेल निवेशकों का म्यूचुअल फंड्स पर भरोसा एक तरफ. इस बात को एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से समझते हैं. मार्च में SIP के जरिए कुल 14,276 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ. पहली बार ऐसा हुआ है, जब SIP ने 14 हजार करोड़ का आंकड़ा पार किया है. इससे पहले, फरवरी में SIP के जरिए 13,686 करोड़ रुपये का निवेश आया था. बीते पांच महीनों से SIP इनफ्लो 13 हजार करोड़ से ज्‍यादा बना हुआ था. एक्‍सपर्ट का मानना है कि रिटेल निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है और उनमें इक्विटी मार्केट को लेकर जागरूकता बढ़ी है. निवेशक लंबी अवधि में वेल्‍थ क्रिएशन के लिए SIP को बेहतर ऑप्‍शन मान रहे हैं. 

SIP में निवेशक क्‍यों लगा रहे हैं पैसा 

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BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है, SIP इनफ्लो लगातार बढ़ने को लेकर एक सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों में इक्विटी मार्केट को लेकर जागरूकता बढ़ी है. उनका मानना है कि बाजार में गिरावट अस्‍थायी है. देर-सवेर रिकवरी आएगी. ऐसे में गिरावट में निवेश का मौका अच्‍छा है. निवेशकों का मानना है कि SIP के जरिए लंबी अवधि में फायदा होगा. वेल्‍थ किएशन में एसआईपी अच्‍छा तरीका है. सीधे बाजार में पैसा लगाने से वे डर रहे हैं. एक अहम बात इकोनॉमी को लेकर है. दुनिया के भीतर यह मानना है कि भारत में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं.

निगम के मुताबिक, SIP को लेकर 2 अहम बात यह भी है कि इसमें निवेश करना काफी आसान है. टेक्‍नोलॉजी ने निवेश को काफी सरल कर दिया है. दूसरी बात कि इसमें आप छोटे से छोटे अमाउंट से भी निवेश कर सकते हैं. महज 100 रुपये से भी एसआईपी निवेश शुरू किया जा सकता है. इसके अलावा, निवेश को लेकर पारदर्शिता है. आप अपने निवेश को जब चाहे, तब ट्रैक कर सकते हैं और उसमें बदलाव कर सकते हैं. वहीं, एसआईपी को लेकर निवेशकों में पहले से ज्‍यादा मैच्‍योरिटी आई है. पहले SIP लोग 6 महीने 1 साल में बंद कर देते थे. लेकिन, अब लोग लंबी अवधि तक निवेश बनाए रख रहे हैं. 

इक्विटी फंड्स में क्‍यों आया जबरदस्‍त निवेश

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी का कहना है, निवेशकों में इक्विटी को लेकर भरोसा लगातार बढ़ रहा है. तमाम नकारात्‍मक खबरों के बावजूद इक्विटी फंड्स में इनफ्लो बना हुआ है. मार्च 2023 में इक्विटी फंड्स का इनफ्लो 20534 करोड़ रुपये रहा. फरवरी में 15657 करोड़ था.

उनका कहना है, वित्‍त वर्ष के आखिर में टैक्‍स सेविंग्‍स के नजरिए से ELSS फंड्स में तगड़ा निवेश आया. मार्च में करीब 4200 करोड़ का निवेश आया जोकि फरवरी 2300 करोड़ था. वहीं, सेक्‍टोरल/थिमैटिक फंड्स में रिकॉर्ड इनफ्लो हुआ. स्‍माल कैप फंड्स भी निवेशकों की पसंद बने हुए हैं. कुल मिलाकर देखें, तो निवेशकों ने बाजार में सबसे अस्थिर समय में निवेश जारी रख मंदी की आशंकाओं को गलत साबित किया है. 

सैमको म्‍यूचुअल फंड के सीईओ विराज गांधी का कहना है, जाहिर तौर पर मार्केट अभी दिशाहीन है. डेट म्युचुअल फंड्स को लेकर हुए नीतिगत बदलावों के चलते इस महीने इनका प्रदर्शन कमजोर रहा. डेट फंड में आगे अभी दबाव बने रहने की उम्‍मीद है. वहीं, आने वाली तिमाहियों में इक्विटी फंड्स में निवेश बना रह सकता है.

उनका कहना है, आमतौर पर मार्च का महीना हमेशा से इक्विटी इनफ्लो के लिए साल का सबसे अच्छा महीना होता है और डेट फंड्स से आउटफ्लो रहता है. मार्च 2022 में भी यही ट्रेंड रहा था. SIP+NFO मार्च महीने में इनफ्लो का एकमात्र जरिया रहा, इंडस्‍ट्री में कोई अन्य इनफ्लो नहीं देखा गया है. डेट कैटेगरी में लिक्विड, ओवरनाइट और अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड में बड़े पैमाने पर आउटफ्लो देखा गया. दूसरी ओर, लंबी अवधि के डायनेमिक बॉन्ड और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंडों ने पिछले महीने में अच्छी कमाई की है. 

सेक्‍टोरल फंड्स में सबसे ज्‍यादा निवेश

एम्फी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, Equity Funds कैटिगरी में सबसे ज्यादा निवेश Sectoral/Thematic Funds में 3928.97 करोड़ रुपए का आया. इसके बाद डिविडेंड यील्ड फंड्स में 3715.75 करोड़ रुपए, स्मॉलकैप फंड्स में 2430.04 करोड़ रुपए, मिडकैप फंड्स में 2128.93 करोड़ रुपए, लार्ज एंड मिडकैप फंड्स में 1618.86 करोड़ रुपए और लार्ज कैप फंड्स में 911.29 करोड़ रुपए का निवेश आया. मल्टीकैप फंड्स में 716.97 करोड़ रुपए का इन्फ्लो दर्ज किया गया.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

 

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