SIP Investments: एसआईपी में आया रिकॉर्ड तोड़ पैसा, निवेश से पहले इन 5 मिथक को अच्छे से जान लें
SIP Investments: मार्च के महीने में एसआईपी की मदद से पहली बार 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश किया गया. SIP की मदद से म्यूचुअल फंड्स में कुल 14276 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है.
SIP Investments: म्यूचुअल फंड्स को लेकर निवेशकों में क्रेज लगातार बढ़ रहा है. खासकर SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की मदद से बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. AMFI की तरफ से मार्च के लिए जो डेटा शेयर किया गया है उसके मुताबिक, मार्च में कुल 14276 करोड़ रुपए का इन्फ्लो दर्ज किया गया. यह पहली दफा है जब एसआईपी ने 14 हजार करोड़ का आंकड़ा पार किया है. फरवरी में SIP की मदद से 13686 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था. अक्टूबर में पहली बार SIP ने 13 हजार करोड़ का आंकड़ा पार किया था.
SIP शुरू करने से पहले इन 5 बातों को समझें
अगर आपने अभी तक SIP शुरू नहीं की है तो आने वाले कल के लिए जल्द से जल्द इसकी शुरुआत कर सकते हैं. SIP को लेकर निवेशकों में कई तरह के मिथक भी हैं. मसलन, क्या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, अश्योर्ड रिटर्न का वादा करता है. अगर किसी महीने में SIP नहीं करते हैं तो क्या उसके लिए पेनाल्टी है. आइए इससे जुड़ी 5 महत्वपूर्ण मिथक को समझते हैं. निवेश की शुरुआत करने से पहले निवेशक के पास हर सवाल का जवाब होना जरूरी है.
1>> SIP निवेश का तरीका है, जिसे हर महीने, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर किया जाता है. यह निश्चित रिटर्न का वादा नहीं करता है. हालांकि, टुकड़ों में निवेश करने पर वोलाटिलिटी का असर घट जाता है और लॉन्ग टर्म में यह बेहतर रिटर्न पाने में मदद करता है.
2>> यह संभव है कि SIP की मदद से निवेश करने के कारण आपको निगेटिव रिटर्न मिले. बाजार में गिरावट का असर यहां भी दिखेगा. हालांकि, इसे जारी रखने से यह आपकी खरीदारी को ऐवरेज आउट कर देता है. लंबी अवधि में आपको बंपर रिटर्न मिलेगा.
3>> जरूरत के हिसाब से SIP अमाउंट, तारीख में बदलाव आसानी से किया जा सकता है. अगर SIP बंद करनी है तो फंड हाउसेस को इसके लिए कहा जा सकता है. चाहें तो अपने फंड्स भी बदल सकते हैं. एसआईपी अमाउंट को घटाना या बढ़ाना आसान है. कुल मिलाकर यह निवेशक को हर तरह की फ्लेक्सिबिलिटी देती है.
4>> अगर आपके अकाउंट से ऑटोमैटिक रूप से SIP जा रही है और किसी महीने में अकाउंट में पैसे नहीं हैं तो इससे म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो पर असर नहीं होगा. आपका इन्वेस्टमेंट भी इन-एक्टिव नहीं होता है. हालांकि, बैंक ऑटो डेबिट फेल होने के बदले किसी तरह की पेनाल्टी लगा सकता है.
5>> SIP को लेकर एक मिथक ये भी है कि केवल इक्विटी फंड्स में एसआईपी किया जा सकता है. ऐसा नहीं है. डेट फंड्स में भी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की मदद से निवेश किया जाता है. इसके अलावा इसमें निवेश को लेकर लिमिट या कैपिंग भी नहीं है. फंड हाउसेस केवल मिनिमम SIP के बारे में बताते हैं. मैक्सिमम कुछ भी अमाउंट निवेश किया जा सकता है.
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