SIP Inflow at Record High: बाजार में भारी उठापटक के बीच सितंबर में रिटेल निवेशकों का दम म्‍यूचुअल फंड्स में देखने को मिला. सितंबर में SIP निवेश रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया. निवेशकों ने SIP के जरिए 16 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में लगाए. ऐसा पहली बार हुआ है, जब SIP निवेश 16 हजार करोड़ का लेवल पार किया है. इसी के साथ सितंबर में SIP AUM भी बढ़कर 8.7 लाख करोड़ हो गया. एक्‍सपर्ट मानते हैं, कि उतार-चढ़ाव भरे बाजार में SIP का मोमेंटम दिखाता है कि निवेशक इसकी पावर समझ गए है.  सितंबर में म्‍यूचुअल फंड्स इंडस्‍ट्री का डाटा देखें, तो इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds)  में 14,091.26 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ है. वहीं, डेट फंड्स (Debt Funds) से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला.

SIP का नया रिकॉर्ड

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एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में SIP इनफ्लो 16,420 करोड़ रुपये रहा. अगस्‍त 2023 में यह 15,814 करोड़ रुपये था. इस तरह मंथली आधार पर SIP इनफ्लो करीब 4 फीसदी बढ़ा है. इसी तरह सितंबर में SIP AUM बढ़कर 8.70 लाख करोड़ रुपये हो गया. जोकि अगस्‍त 2023 में 8.47 लाख करोड़ था. 

AMFI के मुताबिक, सितंबर में MF इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 46.58 लाख करोड़ रहा.  ओपन एंडेड डेट फंड AUM 13.05 लाख करोड़, इक्विटी फंड्स का AUM 19.08 लाख करोड़ और हाइब्रिड फंड्स का AUM 5.88 लाख करोड़ रहा. 

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

स्‍मालकेस मैनेजर एंड फिडेफोलियो इन्‍वेस्‍टमेंट्स के फाउंडर किसलय उपाध्‍याय का कहना है, SIP मोमेंटम से साफल पता चलता है कि निवेशक सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट की पावर समझ चुके हैं और वे ऐसा लगता है कि वे इसे कभी भी नहीं भूलेंगे. SIPs की पावर बनी हुई है. 

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है, SIP इनफ्लो रिकॉर्ड लेवल पर है. SIP के ताबड़तोड़ बढ़ते निवेश में हमें दो बातों पर जरूर ध्‍यान देना चाहिए. पहला, इसमें निवेश करना काफी आसान है. टेक्‍नोलॉजी ने निवेश को काफी सरल कर दिया है. दूसरा, इसमें आप छोटे से छोटे अमाउंट से भी निवेश कर सकते हैं. महज 100 रुपये से भी SIP शुरू किया जा सकता है. इसमें निवेश को लेकर पारदर्शिता है. 

निगम कहते हैं, SIP को लेकर निवेशकों में पहले से ज्‍यादा मैच्‍योरिटी आई है. निवेशकों में इक्विटी मार्केट को लेकर जागरूकता बढ़ी है. निवेशक मान रहे हैं कि बाजार में गिरावट अस्‍थायी है. देर-सवेर रिकवरी आएगी. ऐसे में गिरावट में निवेश का मौका अच्‍छा है. SIP के जरिए लंबी अवधि में वेल्‍थ किएशन किया जा सकता है. एक अहम बात इकोनॉमी को लेकर है. दुनिया के भीतर यह मानना है कि भारत में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं.

किस कैटेगरी में कितना निवेश 

AMFI के डाटा के मुताबिक, इक्विटी कैटेगरी में सितंबर 2023 के दौरान Sectoral/Thematic Funds में सबसे ज्‍यादा 3,146.85 करोड़ का निवेश आया.  जबकि Small Cap Funds में 2,678.47 करोड़ का निवेश दर्ज किया गया. इसके बाद Multi Cap Fund में 2,234.52 करोड़, Mid Cap Fund में 2,000.88 करोड़, Flexi Cap Fund से 1,353.51 करोड़, Large & Mid Cap Fund में 1,334.19 करोड़, Value Fund/Contra Fund में 1,291.02 करोड़, Dividend Yield Fund में 254.62 करोड़ और Focused Fund से 48.94 करोड़ रुपये का निवेश आया. इसके अलावा, ELSS से 141.15 करोड़ और Large Cap Fund से 110.6 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला. 

दूसरी ओर डेट कैटेगरी (Income/Debt Oriented Schemes) से सितंबर के दौरान 1,01,511.82 करोड़ से ज्‍यादा का आउटफ्लो देखने को मिला. सबसे ज्‍यादा 74,176.55 करोड़ की निकासी लिक्विड फंड (Liquid Fund) से देखने को मिली. Hybrid Schemes में पिछले महीने 18,650.45 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है. ETF में 3,241.92 करोड़ रुपये और Index Funds में 1,682.36 करोड़ का का इनफ्लो हुआ है. 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

 

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