SIP Calculation Top 3 Hybrid Funds: म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में निवेश को लेकर अप्रैल महीने का ट्रेंड बदला है. डेट म्‍यूचुअल फंड्स में जबरदस्‍त इनफ्लो आया, जबकि इक्विटी स्‍कीम्‍स में निवेश घट गया. डेट और इक्विटी के अलावा हाइब्रिड म्‍यूचुअल फंड्स में भी अच्‍छा इनफ्लो देखने को मिला. पिछले महीने डेट म्‍यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Funds) में 1,06,677 करोड़ का जबरदस्‍त निवेश आया. वहीं, इक्विटी फंड्स में 6480 करोड़ और हाइब्रिड स्‍कीम्‍स में 3317 करोड़ का इनफ्लो आया. दरअसल, हाइब्रिड म्‍यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds) में फंड हाउस निवेशकों का पैसा इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्‍लास में लगाते हैं. प्‍योर इक्विटी स्‍कीम के मुकाबले इनमें रिस्‍क कम रहता है. लंबी अवधि में इन स्‍कीम्‍स में अच्‍छा वेल्‍‍थ क्रिएशन हुआ है. टॉप 3 स्‍कीम्‍स का रिटर्न देखें, तो 10 हजार मंथली एसआईपी से 10 साल में 31 लाख तक कॉपर्स तैयार हुआ है.

Top 3 Hybrid Funds: SIP Calculator

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Quant Absolute Fund

क्‍वांट एब्‍सॉल्‍यूट फंड का बीते 10 साल में SIP रिटर्न औसतन 18.23% सालाना रिटर्न दिया है. इस स्‍कीम में 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू 10 साल में 31.26 लाख रुपये हो गई है. इस स्कीम में 5000 रुपये के साथ एकमुश्‍त निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

Quant Multi Asset Fund

क्‍वांट मल्‍टी एसेट फंड का बीते 10 साल में SIP रिटर्न औसतन 17.4% सालाना रिटर्न दिया है. इस स्‍कीम में 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू 10 साल में 29.89 लाख रुपये हो गई है. इस स्कीम में 5000 रुपये के साथ एकमुश्‍त निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

ICICI Prudential Equity & Debt Fund

ICICI प्रु इक्विटी एंड डेट फंड का बीते 10 साल में SIP रिटर्न औसतन 16.32% सालाना रिटर्न दिया है. इस स्‍कीम में 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू 10 साल में 28.20 लाख रुपये हो गई है. इस स्कीम में 5000 रुपये के साथ एकमुश्‍त निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 100 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

(नोट: एनएवी: 15 मई 2023, सोर्स: एम्‍फी) 

क्‍या हैं हाइब्रिड फंड्स

हाइब्रिड फंड्स एक तरह से म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) या ETF का एक क्‍लासिफिकेशन है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश करते हैं. इनमें इक्विटी और डेट एसेट शामिल हैं. ये स्कीम्‍स सोने में भी पैसा लगाती हैं. यानी एक ही प्रोडक्ट में इक्विटी, डेट और सोने में पैसा लगाने का मौका मिलता है. इस तरह से इनका निवेश काफी डायवर्सिफाइड होता है. इसका फायदा यह है कि अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट या सोने का रिटर्न ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है. उसी तरह से डेट या सोने में रिटर्न कमजोर पड़े तो इक्विटी का रिटर्न इसे बैलेंस कर देता है.

हाइ‍ब्रिड म्‍यूचुअल फंड्स में भी अलग-अलग कैटेगरी है. इनमें एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम्‍स शामिल हैं.

किस कैटेगरी में कितना निवेश

एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, डेट फंड्स में निवेशकों ने बड़े पैमाने पर निवेश  किया है. इस कैटिगरी में कुल 1,06,677 करोड़ रुपसे का इनफ्लो दर्ज किया गया. मार्च में डेट फंड्स से निवेशकों ने 56,884 करोड़ रुपये की निकासी की थी. हायब्रिड स्कीम्स में अप्रैल में कुल 3,316 करोड़ रुपये का इन्फ्लो आया था. मार्च में इस कैटिगरी से 12,372 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. डेट फंड्स की कैटेगरी के आधार पर इनफ्लो की बात करें, तो लिक्विड फंड्स में सबसे ज्यादा 63,219 करोड़ रुपये, मनी मार्केट फंड्स में 13961 करोड़ रुपये, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में 10662 करोड़ रुपये और ओवरनाइट फंड्स में 6107 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया.

AMFI की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक, बीते महीने इक्विटी फंड्स इनफ्लो 68 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई. इक्विटी फंड्स में अप्रैल में कुल 6,480 करोड़ रुपये का निवेश आया. मार्च में इस कैटिगरी में 20,534 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया था. टोटल असेट अंडर मैनेजमेंट 41.61 लाख करोड़ रुपये का रहा. मार्च में यह 39.42 लाख करोड़ रुपये का था. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

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