Mutual funds investment myths and facts: म्यूचुअल फंड के बारे में सुना है लेकिन इसमें निवेश नहीं करते हैं,क्योंकि मन में कई तरह की आशंका या उलझनें हैं. अगर आपके साथ भी है तो आपको इसको समझने की कोशिश जरूर करनी चाहिए. म्यूचुअल फंड को लेकर कई लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं. कई लोगों का मानना है कि यह तो सिर्फ एक्सपर्ट के लिए है, म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) तो सिर्फ लंबे समय के निवेश के लिए है, इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है जैसे कई सवाल हैं. अगर आपके मन में भी  म्यूचुअल फंड को लेकर कई आशंकाएं हैं या आप म्यूचुअल फंड को लेकर नए हैं तो आपको इसे अच्छी तरह समझने की जरूरत है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी इंडिया (amfi india) ने इसको लेकर चल रहे मिथ (Mutual funds investment myths and facts) को क्लियर कर दिया है, ताकि किसी को कोई उलझन या आशंका न रहे.

1. क्या सिर्फ एक्सपर्ट के लिए है Mutual Funds

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एम्फी के मुताबिक, वास्तव में, म्युचुअल फंड आम निवेशकों के लिए हैं, जिनके पास सिक्योरिटीज मार्केट (प्रतिभूति बाजार) में निवेश करने के लिए जानकारी या स्किल की कमी हो सकती है. म्युचुअल फंड को निवेशकों के फायदे के लिए व्यापक मार्केट रिसर्च के बाद एक्सपर्ट फंड मैनेजरों द्वारा प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाता है. एक म्युचुअल फंड (Mutual funds investment) निवेशकों के लिए अपने पैसे का मैनेजमेंट करने के लिए फुल टाइम प्रोफेशनल फंड मैनेजर हासिल करने का एक सस्ता तरीका है.

2. क्या Mutual Funds में सिर्फ लंबे समय के लिए निवेश करने का है विकल्प

ऐसा नहीं है. म्युचुअल फंड किसी के निवेश करने के मकसद के आधार पर कम समय या लंबी अवधि के लिए हो सकते हैं. अलग-अलग तरह की म्युचुअल फंड स्कीम्स हैं - जो कई तरह की सिक्योरिटीज (प्रतिभूतियों) में - इक्विटी के साथ-साथ लोन सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं जो अलग-अलग निवेशक की जरूरत के लिए उपयुक्त हैं. असल में, कई छोटी अवधि की स्कीम्स भी हैं जहां आप कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों से लेकर कुछ सालों तक के लिए निवेश कर सकते हैं.

3. क्या Mutual Funds में निवेश शेयर मार्केट की तरह है

म्युचुअल फंड (Mutual Funds) स्टॉक मार्केट (यानी, इक्विटी), बॉन्ड मार्केट (कॉरपोरेट बॉन्ड के साथ-साथ सरकारी बॉन्ड) और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, कोलेटरल बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशन (CBLO) में निवेश करते हैं. हां. मिनिमम ऑर्डर क्वांटिटी (जैसे G-Secs) के बड़े टिकट साइज के चलते इनमें से कई इंस्ट्रूमेंट्स खुदरा निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं और इसलिए, खुदरा निवेशक म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिये ऐसे निवेश में भाग ले सकते हैं.

4. क्या सिर्फ बड़ी पूंजी ही Mutual Funds में निवेश करनी होती है

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. ज्यादातर म्यूचुअल फंड योजनाओं में एकमुश्त/बिना किसी ऊपरी लमिट के एक बार के निवेश के लिए सिर्फ ₹5000 और बाद में/अतिरिक्त सदस्यता के लिए ₹1000 के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू किया जा सकता है.इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ईएलएसएस) के लिए तो निवेश (Invest in mutual funds) की न्यूनतम राशि सिर्फ 500 रुपये है.कोई व्यक्ति सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये महज 500 प्रति माह निवेश कर सकता है.

5. क्या डीमैट अकाउंट ओपन कराना होता है

एम्फी (amfi india)की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स को छोड़कर म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) यूनिट्स को डीमैट मोड में रखना पूरी तरह से ऑप्शनल है. फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMPs) जैसी क्लोज-एंडेड लिस्टेड स्कीमों सहित दूसरी सभी स्कीम्स के लिए, यह पूरी तरह से निवेशक पर निर्भर है कि वह डीमैट मोड में या पारंपरिक फिजिकल अकाउंटेंट स्टेटमेंट मोड में यूनिट्स को होल्ड करें.

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