रेपो रेट बढ़ने के बाद Mutual Fund निवेशक क्या करें? लॉन्ग टर्म के लिए कहां लगाएं पैसा, जानें एक्सपर्ट की राय
Mutual Fund Investment: RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने मॉनेटरी पॉलिसी का एलान करते हुए यह भी संकेत दिए आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है. ऐसे में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों के लिए निवेश का कहां मौका बन रहा है.
Mutual Fund Investor after repo rate hike: RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बुधवार (7 दिसंबर) को मॉनेटरी पॉलिसी जारी करते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी का एलान किया है. अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गई है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी उम्मीद के मुताबिक रही. 2022 में अब तक रेपो रेट में 225 bps (2.25%) का इजाफा हो चुका है. गवर्नर शक्तिकांता दास ने यह भी संकेत दिए हैं कि आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है. यानी, आगे भी ब्याज दरें बढ़ने के संकेत साफ-साफ हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों के लिए निवेश का कहां मौका बन रहा है. निवेशकों को किस कैटेगरी के फंड्स में निवेश करना चाहिए.
पॉलिसी एलान में RBI गवर्नर ने कहा कि महंगाई का सबसे खराब दौर बीत गया है. हालांकि, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में वॉलेटिलिटी के चलते इकोनॉमी में दबाव बना रहेगा. उन्होंने माना कि भारत में कोर महंगाई दर स्थिर और उच्च बनी रही. आरबीआई फिलहाल रिटेल महंगाई को 6 फीसदी से नीचे लाने के लिए पॉलिसी एक्शन लेगा, उसके बाद मीडियम से लॉन्ग टर्म में इसे 4 फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य होगा. इस आधार पर देखें तो बॉन्ड मार्केट का अनुमान है कि अभी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की साइकिल पूरी नहीं हुई है. ग्रोथ-इन्फ्लेशन डायनेमिक्स के आधार पर ब्याज दरों में आगे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. MPC पॉलिसी के नतीजों के बाद बेंचमार्क 10 साल की सॉवरेन बॉन्ड यील्ड करीब 5 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 7.28 फीसदी हो गई.
म्यूचुअल फंड्स निवेशक क्या करें?
Edelweiss MF के CIO (Fixed Income) धवल दलाल का कहना है, वैसे तो रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन मार्केट पार्टिसिपेंट्स के एक समूह को यह 50 बेसिस प्वाइंट जितनी बढ़ोतरी महसूस हुई है. इसके चलते सभी यील्ड कर्व की सॉवरेन यील्ड्स में हल्की बढ़ोतरी रही. ऐसे में यह लॉन्ग टर्म फिक्स्ड इनकम एलोकेशन के लिए निवेश करने का एक मौका है. हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में रिटेल महंगाई धीरे-धीरे नीचे आएगी और मार्च 2023 तक रिजर्व बैंक पॉलिसी रेट हाइक की यह साइकिल पूरी कर लेगा. टर्मिनल रेपो रेट 31 मार्च 2022 तक 6.25 फीसदी और 6.5 फीसदी के बीच सेटल होगा. उसके बाद FY24 में एक लंबा विराम होगा.
धवल दलाल का कहना है, वित्त वर्ष 2024 में बॉन्ड मार्केट के हमारे आउटलुक में कोई बदलाव नहीं है. इसके चलते बेंचमार्क 10 साल IGB यील्ड लॉन्ग टर्म एवरेज के आधार पर 7 फीसदी से 7.25 फीसदी के बीच सेटल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म के फिक्स्ड इकनम एलोकेशन के ऑप्शन तलाश रहे निवेशकों को इस मौके का फायदा उठना चाहिए. यील्ड कर्व के मौजूदा टर्म स्ट्रक्चर से बेनेफिट के लिए 5 से 10 वर्षों में परिपक्व होने वाले टारगेट मैच्योरिटी फंड में आवंटन बढ़ाना चाहिए.