म्यूचुअल फंड में निवेश करने का है प्लान, इन खास बातों को न करें नजरअंदाज- चेक करें डीटेल्स
हाल के समय में म्यूचुअल फंड की पॅापुलैरिटी बढ़ी है. लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बारे में सही जानकारी नहीं होती है. जिस वजह से कई लोग इंवेस्ट करने से झिझकते हैं.
म्यूचुअल फंड कई इंवेस्टर्स के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. जिसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) मैनेज करती हैं. म्यूचुअल फंड में इंवेस्टर्स यूनिट्स को खरीदते हैं. और इसमें बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर पैसा इंवेस्ट किया जाता है. म्यूचुअल फंड में भी शेयर बाजार की तरह गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर होते हैं. म्यूचुअल फंड की खास बात ये है कि इसमें आप 500 या 1000 रुपये में भी SIP खरीद सकते हैं. म्यूचुअल फंड में आप अपने मनचाहे इंटरवल के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसमें आप सात दिन से लेकर 30 दिन, तीन महीने, या फिर 12 महीने के लिए भी निवेश कर सकते हैं. आप भी अगर म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट करने का सोच रहें हैं, तो आपको इसके बारे में सही जानकारी होना चाहिए. जिससे निवेश के बाद किसी भी तरह के जोखिम से बचा जा सके.
रिस्क का रखें ध्यान
इंवेस्टमेंट के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं. स्कीम के सिलेक्शन के दौरान ही ये ध्यान देना चाहिए कि जो स्कीम आप ले रहें हैं वो आपके बजट के अंदर आये. इस बात का ध्यान रखना भी जरुरी है कि आप जितनी रकम लगा रहें हैं, उसके लिए आप उस राशि को रिस्क में डाल रहें हैं. इसलिए हमेशा अपने विवेक से ही स्कीम का सिलेक्शन करें.
मैनेजर और फंड हाउस का रिकॅार्ड चेक करें
म्यूचुअल फंड की स्कीम का सिलेक्शन करने के बाद स्कीम को जारी करने वाली कंपनी की भी पूरी जानकारी लें. इसके साथ ही फंड हाउस के रिकॅार्ड की भी जांच करें. ये कितने समय से काम कर रहा है और साथ ही इस कंपनी का और इसकी स्कीमों का पूर्व में प्रदर्शन कैसा रहा है इसकी भी जानकारी लें.
अपने म्यूचुअल फंड का परर्फोमेंस चेक करें
किसी भी फंड के पिछले परर्फोमेंस को चेक करना जरुरी होता है. जब भी आप किसी स्कीम को सिलेक्ट करते हैं तब उसकी पिछली परर्फोमेंस को जरुर चेक करें. फंड के परर्फोमेंस में उतार-चढ़ाव लगा रहता है. इसलिए आपको फंड की परर्फोमेंस में निरंतरता को देखना चाहिए. कई रेटिंग एजेंसियां फंड्स को रेटिंग्स देती हैं. इन पर आप अपने फंड्स की रेटिंग्स चेक कर सकते हैं.
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इंवेस्टमेंट से जुड़े खर्चों के बारे में लें जानकारी
एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज और एक्सपेंस रेश्यो जैसे खर्चों को फंड में निवेश करने से पहले जरूर देखना चाहिए. किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो 1.5 प्रतिशत से ज्यादा है तो इसमें इंवेस्टमेंट नहीं करें.